पलामू: जिले के हैदरनगर के इलाके में सीडब्ल्यूसी और चाइल्ड लाइन की पहल पर एक नाबालिग की शादी रुकवा दी गई है. नाबालिग की उम्र 15 वर्ष है. पलामू चाइल्ड लाइन को कॉल पर सूचना मिली थी कि हैदरनगर के इलाके में एक 15 वर्षीय नाबालिग की शादी हो रही है. मामले में चाइल्ड लाइन ने सीडब्ल्यूसी को सूचित किया. मामले में सीडब्ल्यूसी ने हैदरनगर प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र लिखा जिसके बाद प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची और शादी रुकवाया.
सीडब्ल्यूसी के धीरेंद्र किशोर ने शादी रुकवाने की खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले में नाबालिग और परिजनों की काउंसलिंग की. पलामू में बाल विवाह के आंकड़े काफी गंभीर हैं. कोविड 19 काल में भी पलामू जिला प्रशासन ने 12 नाबालिगों की शादी रुकवाई थी. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार पलामू में होने वाली शादियों में से 35 प्रतिशत बाल विवाह के दायरे में है. मार्च के महीने में सीडब्ल्यूसी और चाइल्ड लाइन ने हरिहरगंज के इलाके में भी एक बाल विवाह को रुकवाया था.
पलामू: सीडब्ल्यूसी और चाइल्डलाइन ने 15 वर्षीय नाबालिग की शादी रुकवाई
पलामू में सीडब्ल्यूसी और चाइल्ड लाइन ने एक नाबालिग की शादी रुकवा दी. सीडब्ल्यूसी ने हैदरनगर प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र लिखा जिसके बाद प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची और शादी रुकवाया.
बाल विवाह रोकने के लिए चलाए जा रहे जागरूकता अभियान:पलामू में नेशनल हेल्थ सर्वे के आंकड़े काफी डराने वाले हैं. बाल विवाह को रोकने के लिए कई स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिले में हर स्कूल में परिवार एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा लड़कियों के बाल विवाह के बारे में जानकारी दी जा रही है. समाज कल्याण विभाग में संरक्षण पदाधिकारी केडी पासवान ने बताया कि बाल विवाह समाज के लिए कुरूप चेहरा है. इसे रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन इसमें आम लोगों को भी सहयोग करना पड़ेगा. चाइल्ड लाइन के उमेश कुमार बताते हैं कि बाल विवाह कारण लड़कियों को शारीरिक और मानसिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.