पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी (Naxalite Organization CPI-Maoist) और तृतीय प्रस्तुति सम्मेलन कमेटी (टीएसपीसी) झारखंड-बिहार सीमा (Jharkhand Bihar Border) पर एक हो गए हैं. दोनों के एक हो जाने से माओवादियों के छकरबंधा और बूढ़ापहाड़ कॉरिडोर प्रभावित हुए हैं. कुछ महीने पहले माओवादियों के टॉप कमांडर इसी कॉरिडोर से होते हुए बूढ़ापहाड़ पंहुचे हैं. माओवादियों और टीएसपीसी के एक दूसरे के नजदीक होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है और दोनों के एक होने के प्रमाण जुटाए जा रहे हैं.
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दोनों संगठन 2016 के बाद आपस में नहीं टकराए
पलामू, चतरा, लातेहार, गढ़वा और हजारीबाग के इलाके में माओवादियों के बाद सबसे अधिक टीएसपीसी का प्रभाव रहा है. चतरा में टीएसपीसी का प्रभाव अधिक रहा है. पलामू और चतरा के इलाके में 2016 के बाद टीएसपीसी और माओवादी आपस में भिड़े नहीं हैं. दोनों के बीच मुठभेड़ की खबर निकल कर सामने आई है. लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार पलामू के मनातू, पांडू, नौडिहाबाजर, हरिहरगंज, हुसैनाबाद और छत्तरपुर के इलाके में टीएसपीसी का दस्ता माओवादियों को सहयोग कर रहा है. पलामू, चतरा और गया सीमा पर दोनों संगठन के दस्ते एक ही जगह को अपना ठिकाना बना रहे हैं.