पलामूः कभी इनका नाता सुरा के साथ था, इस कारोबार में इनके हाथों से सुरा की धारा बहती थी. पेट पालने के लिए चंद पैसे का जुगाड़ तो हो जाता था. लेकिन समाज उन्हें हमेशा से ही शराब बेचने वाली की ही संज्ञा दिया करता था. लेकिन खुद को बदलने का संकल्प लेकर इन महिलाओं ने सुरा का साथ हमेशा के लिए छोड़ दिया, आज ये शराब बनाने वाले हाथ लोगों के बीच खुशियां और जिंदगी बांट रही हैं.
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दो वर्ष पहले तक कमला देवी शराब बना कर इसका कारोबार करती थी लेकिन अब वो पशुपालन कर रही हैं. कमला देवी को दूध उत्पाद पदार्थों से अच्छी खासी आमदनी हो रही है, उन्होंने शराब बनाना छोड़ दिया है. कमला देवी की तरह ही इलाके के कई महिलाएं हैं, जिन्होंने शराब बनाना पूरी तरह से छोड़ दिया है और मुख्यधारा से जुड़ कर अपने जीवन यापन कर रही हैं.
कमला देवी की तरह पलामू के छतरपुर की मुरुमदाग की रहने वाली तालो देवी पिछले 10 साल से शराब बना रही थी. लेकिन अब वह गांव में ही छोटी मोटी दुकानदारी करती है. कमला देवी झारखंड बिहार सीमावर्ती क्षेत्र के अतिनक्सल प्रभावित इलाकों में रहती है. इस इलाका में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से महुआ शराब का निर्माण किया जाता था और बिहार के इलाके में भेजा जाता था. लेकिन अब इलाके की तस्वीर बदल रही है यहां की महिलाओं ने शराब बनाना छोड़ दिया है और स्वरोजगार से जुड़कर मुख्यधारा में लौट रही हैं. झारखंड सरकार की फूलो झानो आशीर्वाद योजना के तहत झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी ने सभी महिलाओं के बीच यह बदलाव लाया है.
कम हुई घरेलू हिंसा के आंकड़ेः पलामू के छतरपुर हरिहरगंज नौडीहा बाजार के इलाके में महिलाओं द्वारा शराब का कारोबार छोड़े जाने से समाज में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. इन इलाकों में घरेलू हिंसा से जुड़े हुए अपराध के आंकड़े भी काम हुए हैं. बड़े पैमाने पर इलाके के पुरुष और महिलाएं शराब का सेवन करते थे. लेकिन शराब का उत्पादन और कारोबार कम होने के बाद घरेलू हिंसा के आंकड़ों में कमी आई है. साथ ही थानों तक पहुंचने वाली शिकायतों भी कमी आई है.
हरिजन छतरपुर नौडीहा बाजार के इलाके में 2018 घरेलू हिंसा से जुड़े हुए मामले 337 से अधिक मामले रिकॉर्ड किए गए थे. 2019 में यह आंकड़ा 356 से अधिक था. 2020 और 21 में कोविड 19 के कारण आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो पाया. 2022 और अप्रैल 2023 तक इन इलाकों में घरेलू हिंसा से जुड़े हुए 174 के करीब मामले रिकॉर्ड किए गए हैं. झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी सावित्री देवी बताती हैं कि शराब के बंद होने का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. घरेलू हिंसा से जुड़े हुए आंकड़े तो कम हुए हैं. वहीं महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं.
जेएसएलपीएस महिलाओं को उपलब्ध करवा रहा ऋणः झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी फूलो झानो आशीर्वाद योजना के तहत इलाके की महिलाओं को ऋण उपलब्ध करवा रहा है. शुरुआत में छतरपुर थाना क्षेत्र के खेंद्रा के इलाके में कुछ महिलाओं को शराब का कारोबार छुड़वा कर ऋण उपलब्ध करवाया गया. इलाके में सकारात्मक प्रभाव पड़ने के बाद आने लगा तो महिलाओं को भी जोड़ा गया और उनका एक चेन तैयार किया गया. इस चेन के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है. इलाके की 400 से अधिक महिलाओं को ऋण उपलब्ध करवाया गया है जो शराब के कारोबार में शामिल थे. अब ये महिलाएं शराब का कारोबार छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ गई हैं.