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पलामू और गढ़वा में घरों को सेनेटाइज करने के नाम पर ठगी, WHO के नाम पर सेनिटाइजेशन का ठेका देने वाली संस्था ने नहीं किया भुगतान

पलामू और गढ़वा में घरों को सेनेटाइज करने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. डब्लूएचओ के नाम पर सेनिटाइजेशन का ठेका देने वाली संस्था ने भुगतान नहीं किया है.

cheated in name of sanitizing in Palamu
cheated in name of sanitizing in Palamu

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Published : Jun 24, 2022, 8:47 PM IST

पलामू: कोविड-19 काल में पलामू और गढ़वा में घरों को सेनिटाइज करने के नाम पर ठगी हुई है. यह ठगी डब्ल्यूएचओ के नाम पर दिल्ली और यूपी की संस्थाओं ने पलामू के संस्थाओं के साथ किया है. सेनिटाइजेशन के बाद दिल्ली और यूपी की संस्था ने पलामू और गढ़वा की संस्थाओं का फोन कॉल उठाना बंद कर दिया है और भुगतान भी नहीं किया है.

दरअसल, यह पूरा मामला कोविड काल 2020- 21 का है. पूरे मामले में पीड़ित संस्थाओं ने ठगी करने के आरोप में दिल्ली और यूपी की संस्थाओं खिलाफ एफआईआर के लिए आवेदन तैयार किया है. दिल्ली की बाबू धाम सेवा ट्रस्ट और यूपी के संस्था ने पलामू और गढ़वा में सेनिटाइजेशन के लिए मानस निर्माण परिषद के साथ अनुबंध किया था. मानस निर्माण परिषद के रमेश चौधरी ने बताया कि इस दौरान उन्हें कहा गया था कि बाबू धाम सेवा ट्रस्ट सेनिटाइजेशन के लिए प्रति घर उनकी संस्था को 15 रुपये के हिसाब से भुगतान करेगी. उन्होंने बताया कि सेनिटाइजेशन के नाम पर उनसे विभिन्न किस्तों में 7.10 लाख रुपये लिए गए थे. अनुबंध के बाद उन्होंने पलामू और गढ़वा के कई इलाकों में सेनिटाइजेशन का कार्य किया था. उनकी संस्था ने पलामू और गढ़वा में सेनिटाइजेशन के नाम पर करीब 4 करोड़ रुपए का बिल तैयार किया था.

देखें पूरी खबर
रमेश चौधरी ने बताया कि सेनिटाइजेशन के बाद आरोपी की संस्था उनका कॉल नहीं उठा रही. भुगतान के नाम पर उन्हें धमकी दी जा रही है. मामले में पुलिस के पास जाएंगे और एफआईआर दर्ज करवाएंगे. अकेले मेदिनीनगर को सेनेटाइज करने के नाम पर 15 लाख का बिल तैयार किया गया था, मगर इसका भी भुगतान नहीं हुआ है. सेनिटाइजेशन का यह पूरा अनुबंध दो संस्थाओं के बीच में हुआ था. पलामू जिला के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि यह दो संस्थाओं का मामला है. अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है.

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