पलामू: बकोरिया मुठभेड़ मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम एक बार फिर पलामू पहुंची है. टीम ने सतबरवा के बकोरिया के भलवही घाटी में घटनास्थल का जायजा लिया. इस दौरान जवानों के पोजीशन और उस रात में मौजूदगी के बारे में जानकारी जुटाई गई. मुठभेड़ से जुड़े हुए फोटोग्राफ का एफएसएल रिपोर्ट भी सीबीआई की टीम को मिल गई है. जिसमें घटना के वक्त हालात के बारे में जिक्र है. 2018 के बाद सातवीं बार सीबीआई की टीम पलामू पहुंची है. करीब छह सदस्यीय सीबीआई की टीम मामले में कई लोगों से भी पूछताछ करने वाली है. इस दौरान सीबीआई की टीम ने कोबरा सीआरपीएफ और पुलिस के टॉप अधिकारियों से भी पूछताछ किया है.
ये भी पढे़ं:-पलामू के कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच अभी तक चल रही है. इस कांड को हुए 7 साल बीत चुके हैं. मामले की सीबीआई जांच चल रही है.
12 लोगों की गई थी जान: बता दें कि 8 जन 2015 को भलवही घाटी में कथित मुठभेड़ में टॉप कमांडर आरके यादव उर्फ अनुराग डॉक्टर समेत 12 लोगों की जान चली गई है. घटना के दिन मीडिया और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के पास एक साथ एक लाइन मे 12 शवों के पड़े होने का फोटो वीडियो सामने आया था. लेकिन इससे पहले जवानों ने शव को अलग अलग जगहों पर फोटो लिया था. जांच के दौरान सीबीआई की टीम ने सभी फोटों को सर्वर से बरामद कर लिया.
अभी तक बकोरिया मुठभेड़ से जुड़ी हुई तस्वीर या फोटो जो सामने आई है, उसमें दिखाया गया है कि सभी 12 शव एक लाइन में पड़े हुए हैं, लेकिन सीबीआई के हांथ वो तस्वीर लगी है, जिसमें नक्सलियों का शव इधर उधर बिखरा पड़ा है. यह तस्वीर सीआरपीएफ और कोबरा के जवानों के मोबाइल से सीबीआई को हाथ लगी है. दरअसल कथित मुठभेड़ के दौरान जवानों ने नक्सलियों की तस्वीर को मोबाइल में लिया था. यह तस्वीर गूगल ड्राइव और अन्य मोबाइल सर्वर, हार्ड डिस्क में सेव हो गया था. यहीं से सीबीआई ने तस्वीर को लिया है. तस्वीर में नजर आने वाले एक एक जवान को सीबीआई घटनास्थल पर ले गई है और पूछताछ की है.
किन-किन लोगों की हुई थी मौत: कथित बकोरिया मुठभेड़ में टॉप माओवादी कमांडर आरके उर्फ अनुराग उर्फ डॉक्टर, अनुराग का बेटा और भतीजा, पारा शिक्षक उदय यादव और उसका रिश्ते में भाई नीरज यादव, स्कॉर्पियो का ड्राइवर, माओवादी अमलेश यादव समेत 12 लोग मारे गए थे पूरे मामले में पारा शिक्षक उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने हाई कोर्ट में रिट दाखिल कर मुठभेड़ पर सवाल उठाया था. हाईकोर्ट ने पूरे मामले में 2018 में सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
चार नाबालिगों के मारे जाने का मिला सबूत: कथित बकोरिया मुठभेड़ मामले में चार नाबालिगों के मारे जाने की बात सामने आई थी. यह चारों नाबालिग लातेहार के छिपादोहर के इलाके के रहने वाले थे. सीबीआई की जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि चारों नाबालिग बालिग थे, लातेहार के शिक्षा विभाग के कार्यालय से मिले दोस्त आवाज में चारों के बालिग होने के सबूत मिले हैं.