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Mission Budha Pahar: बूढ़ा नदी पर कच्चा पूल बना रहे जवान, कुजरूम, लाटू, तिसिया में बनेगा पुलिस कैंप - पुलिस कैंप बनाने की योजना

मिशन बूढ़ा पहाड़ (Mission Budha Pahar) पर लगातार काम हो रहा है. सुरक्षा बलों का बूढ़ा पहाड़ में नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज (Campaign against Naxalites) गति से चल रहा है. इसको लेकर जवान बूढ़ा नदी पर कच्चा पूल बना रहे हैं, जिससे कुजरूम, लाटू, तिसिया गांव पहुंचकर वहां पुलिस कैंप बनाने की योजना (Police camp to be built) है.

Campaign against Naxalites in Budha Pahar Police camp to be built
पलामू

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Published : Sep 8, 2022, 7:55 AM IST

Updated : Sep 9, 2022, 10:29 AM IST

पलामूः नक्सलियों का गढ़, बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों के खिलाफ अभियान (Campaign against Naxalites) शुरू किया गया है. सुरक्षा बलों के अभियान के बाद माओवादी बूढ़ा पहाड़ छोड़ कर भाग गए हैं. बरसात और खराब मौसम के बावजूद जवान लगातार आगे बढ़ रहे हैं. बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचने के लिए जवानों को बूढ़ा नदी को पार करना पड़ता है. माओवादियों खिलाफ अभियान के लिए जवान बूढ़ा नदी पर कच्चा पूल बना रहे हैं. बुधवार दोपहर बाद से पूल बनाने का काम शुरू हुआ है, बूढ़ा नदी पर बड़े ह्यूम पाइप के माध्यम से पूल बनाए जाने की योजना है. बोरा बांध की तर्ज पर यहां बोरा पूल बनाया जा रहा है, जिसमें ह्यूम पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है. लातेहार के बारेसाढ़ से बूढ़ा पहाड़ की तरफ जाने वाले रास्ते में यह पूल बनाया जा रहा है. इस रास्ते से बूढ़ा पहाड़ की सप्लाई लाइन कुजरूम, लाटू, तिसिया, नावाडीह तक पहुंचा जा सकता है.

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कुजरूम, लाटू, तिसिया में पुलिस कैंपः मिशन बूढ़ा पहाड़ (Mission Budha Pahar) के तहत कुजरूम, लाटू, तिसिया गांव में पुलिस कैंप बनाने की योजना (Police camp to be built) है. फिलहाल इन गांव में सुरक्षा बलों के कैंप को स्थापित करना बड़ी चुनौती है. तीनों गांव में कैंप बनाए जाने के बाद जवानों के लिए रोजमर्रा की सामग्री उपलब्ध करवाना बिना पुल के मुश्किल है. इसी मुश्किल को देखते हुए इन इलाकों तक कच्चा रोड और बूढ़ा नदी पर पुल बनाया जा रहा है. जिस इलाके में यह पुलिस कैंप स्थापित किया जाना है, वह पलामू टाइगर रिजर्व का कोर एरिया है. मिली जानकारी के अनुसार टॉप सुरक्षा अधिकारियों ने पीटीआर के अधिकारियों से कैंप स्थापित करने को लेकर बातचीत की है. हालांकि इस बातचीत में क्या निकल कर सामने आया है, इसका पता नहीं चल पाया है. पीटीआर प्रबंधन ने कुजरुम और लाटू को रिलोकेट करने की भी योजना तैयार (Budha Pahar Police camp) किया है.



दो वर्ष पहले पुलिस कैंप को लेकर पीटीआर प्रबंधन ने मांगी थी रिपोर्टः करीब दो वर्ष पहले पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में मौजूद सुरक्षा बलों के कैंप को लेकर एक रिपोर्ट भी मांगी गई थी. तत्कालीन पीटीआर निर्देशक ने दोनों उपनिदेशकों से इस मामले में जानकारी मांगी थी. उस दौरान क्या जवाब दिया गया था इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई थी. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में एक दर्जन के करीब सुरक्षा बलों के कैंप हैं. माओवादियों की गतिविधि के कारण वन्यजीवों को भी नुकसान हुआ है. माओवादियों द्वारा लगाए गए लैंडमाइंस की चपेट में आने से हाथी समेत कई वन्यजीवों की मौतें भी हुई हैं.


बूढ़ पहाड़ में अभियान के बाद भाग गए टॉप नक्लसी कमांडर्सः बूढ़ा पहाड़ के इलाके में माओवादियों (Naxalites in Budha Pahar) के खिलाफ शुरू किए गए बड़े अभियान के बाद टॉप नक्सली कमांडर्स दस्ते को लेकर भाग गए हैं. बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों के दस्ते का नेतृत्व 25 लाख का इनामी कमांडर सौरव उर्फ मरकस बाबा, नवीन यादव, मृत्युंजय भुइयां, रबिंद्र गंझू, नीरज सिंह खरवार कर रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बूढ़ा पहाड़ से निकलकर माओवादी गुमला, लातेहार और छत्तीसगढ़ के इलाके में पहुंचने की आशंका है. माओवादियों के खिलाफ अभियान में 40 से भी अधिक कंपनियों को तैनात किया गया है.

Last Updated : Sep 9, 2022, 10:29 AM IST

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