पलामू: माओवादियों के सबसे सुरक्षित ठिकानों में से एक बूढ़ा पहाड़ के लिए पुलिस ने विशेष रणनीति तैयार की है. बरसात के दौरान बूढ़ा पहाड़ के इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाना बड़ी चुनौती है. अभियान के क्रम में सुरक्षाबलों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इस बार बरसात के दौरान सुरक्षाबलों ने बूढ़ा पहाड़ की सप्लाई लाइन काटने की योजना बनाई है. इस योजना के तहत बूढ़ा पहाड़ के इलाके में सक्रिय नक्सलियों की सप्लाई लाइन को पूरी तरह से काट दी गई है.
बरसात के दौरान बूढ़ा पहाड़ के लिए पुलिस ने तैयार किया विशेष रणनीति, काटी जाएगी सप्लाई लाइन
बरसात के दौरान बूढ़ा पहाड़ के इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होती है. इस बार पुलिस ने इस इलाके में अभियान चलाने के लिए खास रणनीति तैयार की है.
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बरसात के दौरान बूढ़ा पहाड़ के इलाके में नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान नहीं चलाया जाएगा. बूढ़ा पहाड़ के 52 वर्ग किलोमीटर के इलाके दो पुलिस कैंप के माध्यम से घेरा जाएगा. बूढ़ा पहाड़ जिला में एक दर्जन से अधिक पुलिस कैंप स्थापित किए गए है. बरसात तेज होने से पहले कैंपों की संख्या बढ़ाकर 25 से अधिक की जानी है. पुलिस बूढ़ा पहाड़ की सप्लाई लाइन को काटने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस का भी सहयोग ले रही है. बूढ़ा पहाड़ के नजदीक के गांव में आने जाने वाले एक एक व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है. इलाके से गुजरने वाले वाहनों की तलाशी भी शुरू की गई है.
बूढ़ापहाड़ पर टॉप माओवादी कमांडर मरकस बाबा उर्फ सौरव के नेतृत्व में माओवादियो का 35 से 40 की संख्या में दस्ता सक्रिय है. 2013-14 से माओवादी बूढ़ा पहाड़ को यूनिफाइड कमांड बनाकर रह रहे हैं. एक टॉप पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस बार विशेष रणनीति तैयार की गई है ताकि बरसात के दिनों में माओवादी मजबूत नहीं हो. बूढ़ा पहाड़ को चारों तरफ से खेला जा रहा है. पुलिस और सुरक्षा बलों ने कई ऐसे नाम चिन्हित किए हैं जो माओवादियों को मदद पहुंचा सकते हैं, उनके खिलाफ भी पुलिस ने कार्रवाई की योजना तैयार किया है.