पलामू: जिले बेटी बचाव के नारे को बुलंद किया जा रहा है. एक तरप पूरे देश में बेटियों की भ्रूण हत्या और बढ़ता लिंगानुपात बड़ी समस्या है तो वहीं पलामू में लड़कियों का लिंगानुपात ज्यादा है. पिछले एक वर्ष में लड़कियों का जन्म लड़कों की तुलना में ज्यादा हुआ है. पलामू का वर्तमान लिंगानुपात 120 प्रतिशत के करीब है. 1000 लड़कों पर 1023 लड़कियों का जन्म अनुपात है. दिसंबर 2019 के बाद सब पलामू में 11262 लड़कियों का जन्म हुआ है, जबकि 11061 लड़कों का जन्म है.
बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ के बारे में जागरूकता
पलामू भारत सरकार के आकांक्षी जिलों में शामिल है, जहां कई सरकारी योजनाओं को अभियान के तौर पर क्रियान्वित किया जा रहा है. पहले पलामू में लिंगानुपात बेहद ही चिंता का विषय बना हुआ था. राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार पलामू में 1000 लड़कों पर 954 लड़कियां थी. पिछले एक वर्ष में पलामू में यह बड़ा बदलाव हुआ है. लड़कियों का जन्म अधिक हो रहा है. पलामू के विभिन्न सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली शर्मिला सुम्मी बताती हैं कि यह सुखद एहसास है. लोगों को लड़कियों का महत्व समझना चाहिए. पलामू में बड़ा बदलाव हो रहा है, बेटियों को महत्व दिया जा रहा है. लड़कियों की सुरक्षा चिंता का विषय है, बावजूद हर क्षेत्र में वे आगे बढ़ रही हैं.
सुखद हैं लड़कियों का बढ़ना