पलामू:कांग्रेसझारखंड के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने एक संस्थान के कार्यक्रम में कहा था कि वे सरकार में शामिल मंत्रियों के काम काज से खुश नहीं है. इसके बाद ये कयास लगाए जाने लगे कि मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है. हालांकि अब अविनाश पांडे ने इन सभी कयासों पर रोक लगा दी है. पलामू में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि झारखंड सरकार के सभी मंत्री मेनिफेस्टो से बढ़कर काम कर रहे हैं उनका आकलन किया गया है, मंत्रिमंडल में फेरबदल की फिलहाल संभावना नहीं है.
झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल में फिलहाल नहीं होगा फेरबदल, सभी मंत्री मेनिफेस्टो से बढ़ कर कर रहे काम: अविनाश पांडे - Jharkhand news
कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने जब बयान दिया कि वे अपने मंत्रियों के कामकाज से संतुष्ठ नहीं हैं, तो कयास लगाए जाने की झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल में बदलाव हो सकता है. हालांकि अब अविनाश पांडे ने इस तरह के किसी भी संभावना से इनकार किया है. उनका कहना है कि सभी मंत्रियों का काम अच्छा है और फिलहाल किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा.
![झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल में फिलहाल नहीं होगा फेरबदल, सभी मंत्री मेनिफेस्टो से बढ़ कर कर रहे काम: अविनाश पांडे Avinash Pandey said that there will be no reshuffle in cabinet](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/1200-675-18186346-308-18186346-1680785921229.jpg)
झारखंड में कांग्रेस की सत्याग्रह यात्रा चल रही है. यात्रा में मुख्य रूप से कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय भाग ले रहे हैं. कुछ दिनों पहले अविनाश पांडे ने मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर रांची में बयान दिया था. जिसके बाद झारखंड की राजनीति में मंत्रियों के हटाने को लेकर सरगर्मी तेज हो गई थी. कई मंत्रियों के विभागों के बदलने और हटाए जाने की चर्चा तेज हो गई थी, मामले में मंत्री बन्ना गुप्ता की टिप्पणी भी आई थी.
अब मीडिया से बातचीत करते हुए अविनाश पांडेय ने कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल का कोई विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि राजनीति में संभावनाएं बनी रहती हैं. संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. मंत्रिमंडल में फेरबदल संबंधी फैसले पार्टी कि हाईकमान लेती है, सभी मंत्रियों कार्य संतोषजनक है और राज्य की सरकार बेहतर काम कर रही है. मंत्रियों का अवलोकन में सब कुछ सही पाया गया है. इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री बादल पत्रलेख, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय और केएन त्रिपाठी मौजूद थे.