पलामू: जंक फूड और फास्ट फूड मनुष्यों के सेहत को प्रभावित करता है. अक्सर ये देखा जाता है कि जू घूमने वाले लोग जंक और फास्ट फूड जंगली जीवों को भी दे देते हैं, इसके कारण जंगली जीवों के व्यवहार में बड़ा बदलाव हो रहा है.
जंक फूड से बंदर हो रहे हिंसक
पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क के इलाके में हजारों की संख्या में बंदर हैं. इस इलाके में पर्यटक घूमने के दौरान चिप्स, नमकीन जैसे जंक फूड उन्हें दे रहे हैं, जिससे वे हिंसक होते जा रहे है. पार्क के इलाके से गुजरने वाले गाड़ियों के पीछे भी बंदर भागते हैं. कोविड 19 के कारण बेतला नेशनल पार्क बंद है, लेकिन बंदर अभी ही जंक फूड के लिए राहगीरों के तरफ दौड़ते हैं.
जंक फूड के लिए आबादी की तरफ बढ़ रहे बंदर
कोविड 19 काल में जंक फूड न मिलने की वजह से बंदर और लंगूरों का बड़ा झुंड गांव की आबादी की तरफ बढ़ रहा है, जिस कारण फसलों को भी नुकसान हुआ है. पर्यटक सोनू कुमार बताते हैं कि जानवरों को नमकीन और जंक फूड देना सही नहीं है. आम तौर पर ये चीजें उन्हें नुकसान पंहुचाती हैं. बेतला नेशनल पार्क में तैनात कर्मचारी भोला सिंह बताते हैं कि वे लगातार जंक फूड और नमकीन देने वाले पर्यटकों को मना करते हैं. इसके बावजूद कई लोग उन्हें खाने को दे देते हैं. समझाने के बाद भी कई पर्यटक नहीं समझते हैं.
पीटीआर ने पकड़े जाने पर एफआईआर का दिया आदेश
पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक वाईके दास ने बताया कि जानवरों को जंक फूड और फास्ट फूड देते पकड़े जाने के बाद पर्यटकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. अधिकारियों को मामले में साफ आदेश जारी किया गया है. पीटीआर में 17 टूटिस्ट प्लेस ईडीसी को देने का प्रस्ताव है, जिसके बाद साफ सफाई और निगरानी ईडीसी के हाथों में होगी और पर्यटकों को जागरूक किया जाएगा.