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बीड़ी पत्ता ठेकेदारों से करोड़ों की लेवी वसूलते हैं नक्सली संगठन, एसपी की चेतावनी-अब लेवी देने पर होगी कार्रवाई - levy collection by Naxalite organization in jharkhand

पलामू में नक्सली संगठन बीड़ी पत्ता ठेकेदारों से लेवी वसूलते हैं. हर साल 25 से 30 करोड़ तक लेवी वसूला जाता है. लेकिन, एसपी ने अब ठेकेदारों को सख्त चेतावनी दी है कि अगर लेवी दिया तो कार्रवाई की जाएगी.

Levy Collection from Beedi Leaf Contractors
बीड़ी पत्ता ठेकेदारों से लेवी वसूली

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Published : Apr 1, 2021, 7:39 PM IST

Updated : Apr 2, 2021, 7:41 AM IST

पलामू:खनिज पदार्थों के अलावा झारखंड में वन संपदा से भी करोड़ों की आय होती है. पूरे देश में झारखंड के बीड़ी पत्ते की सबसे अधिक मांग है. इस बीड़ी पत्ता से नक्सल संगठन करोड़ों की लेवी वसूलते हैं. लेकिन, अब लेवी देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. पलामू एसपी संजीव कुमार का कहना है कि पिछले कुछ सालों में नक्सल संगठन कमजोर हुआ है. उनके खिलाफ अभियान जारी है. पुलिस सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है. एसपी ने ठेकेदारों से लेवी नहीं देने की अपील की है और साथ ही कहा कि लेवी देने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि पुलिस ने बेहतर सुरक्षा का माहौल तैयार किया है. पिछले दो वर्षों में माओवादी, टीएसपीसी और जेजेएमपी जैसे नक्सल संगठनों का पलामू और सीमावर्ती इलाके में प्रभाव कम हुआ है. कई टॉप कमांडर मारे गए हैं और कई गिरफ्तार हुए हैं.

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25-30 करोड़ तक लेवी वसूलते हैं नक्सली संगठन

अप्रैल के पहले सप्ताह से जून के दूसरे सप्ताह तक बीड़ी पत्ता तोड़ी जाती है. उसके बाद पत्तों को उत्तर और दक्षिण भारत के राज्यों में बैग में पैक कर भेजा जाता है. नक्सल संगठन बीड़ी पता के प्रति बैग लेवी वसूलते हैं. पलामू, लातेहार और चतरा के सीमावर्ती इलाके से करीब 30 से 35 लाख बैग बीड़ी पता कि तुड़ाई होती है. नक्सल संगठनों में माओवादी 70 से 80, टीएसपीसी 60 से 70 और अन्य संगठन 35 से 40 रुपये प्रति बैग लेवी वसूलते हैं. पलामू इलाके के नक्सल संगठन 25 से 30 करोड़ रुपये की लेवी वसूलते है.

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ठेकेदार हो गए करोड़पति, मजदूरों के नहीं बदले हालात

बीड़ी पत्ता का कारोबार करने वाले ठेकेदार करोड़पति हो गए हैं लेकिन मजदूरों के हालात नहीं बदले. मजदूरों को बीड़ी पत्ता के प्रति बैग 105 से 120 रुपए मजदूरी मिलती है. मजदूरों को काम के अनुसार पैसा नहीं मिलता. पलामू के जंगलों में बीड़ी पत्ता के पेड़ों की सफाई हो रही है और अगले एक सप्ताह में पत्ता निकलने के बाद उसे तोड़ा जाएगा. बड़ी पत्ता की तुड़ाई करने वाले मजदूर सूरज भुइयां ने बताया कि वे करीब 50 वर्षों से पत्तों की तुड़ाई कर रहे हैं लेकिन, उनके हालात नहीं बदले. मेहनत के अनुसार मजदूरी नहीं मिलती. तुड़ाई करने वाले मजदूर प्रदीप यादव और जीता यादव ने बताया कि बस जीने खाने भर ही पैसे मिलते हैं.

Last Updated : Apr 2, 2021, 7:41 AM IST

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