पलामू: जिले में सड़क दुर्घटना में हर सप्ताह पांच लोगों की जान जाती है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि पलामू में पिछले दो वर्षों के सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े बताते हैं. 2019 में पलामू में सड़क दुर्घटना में 259, जबकि 2018 में 221 लोगों की जान गई थी. इनमें से अधिकतर मौत कम उम्र के लोगों की हुई है.
हेलमेट नहीं लगाने के कारण ज्यादा मौत
बता दें कि 150 से अधिक मौत हेलमेट नहीं लगाने के कारण हुई है. पूरे देश भर में 31वां सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. इसी क्रम में पलामू में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. पलामू में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत की संख्या अधिक है. सड़क दुर्घटनाओं में अधिकतर मौत मई, जून , जुलाई के महीने हो रही है. 2019 में तीनों महीनों को मिला कर 76 लोगों की मौत हुई है. ठंड के महीने में दुर्घटनाओं के आंकड़े बेहद कम हैं.
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युवा हो रहे दुर्घटना के शिकार
सड़क दुर्घटनाओं के मामले में जांच के बाद पलामू एसपी अजय लिंडा बताते हैं कि हेलमेट नहीं लगाना मौत का बड़ा कारण है. युवा अधिकतर मौत का शिकार हो रहे हैं, पुलिस लगातार अभियान चला रही है. जिस वक्त अभियान चलाया जाता है उस वक्त लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं. जैसे ही अभियान खत्म होता है लोग इसका इस्तेमाल बंद कर देते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को ट्रैफिक नियमों को अपनाना होगा और व्यवहार में लाना होगा.
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'जान की कीमत समझनी होगी'
इधर, सड़क सुरक्षा की कमान संभालने वाले परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि दुर्घटना के अधिकतर मामले बाइक से जुड़े हुए हैं. डीटीओ शैलेश कुमार सिंह का कहना है कि रश ड्राइविंग, ड्रंक ड्राइविंग भी दुर्घटना का कारण है. वे बताते हैं कि जागरूकता अभियान चलाने से सिर्फ सड़क दुर्घटना नहीं रुकेगी, लोगों को अपनी जान की कीमत भी खुद समझनी होगी.