पलामू: कम उम्र में प्रेम संबंधों के डर से लोग बाल विवाह कर रहे हैं. यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि जिस संस्था को बाल विवाह को लेकर जागरूकता अभियान चलाने की जिम्मेवारी सौंपी गई है उसका कहना है. दरअसल, कैलाश सत्यार्थी फाऊंडेशन के सहयोग से पलामू में अग्रगति नामक संस्था बाल विवाह, मानव तस्करी और बाल अधिकारों को लेकर जागरूकता अभियान चला रही है.
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यह संस्था पलामू बाल संरक्षण पदाधिकारी को रिपोर्ट करती है. अग्रगति संस्था को पलामू के चैनपुर तरहसी और लेस्लीगंज में जागरूकता अभियान चलाने की जिम्मेवारी सौंपी गई है. बाल विवाह, मानव तस्करी और बाल अधिकारों को लेकर मंगलवार को संस्था ने एक कार्यशाला का आयोजन किया था. संस्था के कॉर्डिनेटर संजय कुमार ने बताया कि करीब 150 गांव में वह बाल अधिकारों को लेकर कार्य कर रहे हैं. इलाके में बाल विवाह हो रहे हैं.
वह बताते हैं कि ग्रामीणों से बातचीत के दौरान यह जानकारी निकलकर सामने आई है कि कम उम्र में प्रेम संबंधों के कारण लोग बाल विवाह कर रहे हैं. बाल विवाह को लेकर कई स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और वह ग्रामीणों से बातचीत भी कर रहे हैं. बाल अधिकार और कानून को लेकर काउंसलर निक्कू पाठक ने बताया कि बाल विवाह के पीछे कई कारण हैं.
उन्होंने कहा कि बाल विवाह को लेकर संस्थान लगातार जागरूकता अभियान चला रही है. अभियान के दौरान आधा दर्जन के करीब बाल विवाह को भी रुकवाया गया है. दरअसल, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार पलामू में होने वाली शादियों में 35 फीसदी बाल विवाह के दायरे में है. पिछले वर्ष के दौरान पलामू में एक दर्जन से अधिक बाल विवाह को रुकवाया गया है.