पलामू:यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया बैंक में हुए लॉकर घोटाला में कई बड़े खुलासे हुए हैं. यह बैंक अब पंजाब नेशनल बैंक का हिस्सा है. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के डालटनगंज शाखा से लॉकर घोटाले के जांच में पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है. पूरे मामले में पुलिस ने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के डाल्टनगंज शाखा के मैनेजर गंधर्व, डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार समेत पुलिस ने 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार आरोपियों में बैंक के अधिकार के साथ-साथ लॉकर का चाबी बनाने वाला, लॉकर से निकले जेवरात को गिरवी रख कर ब्याज पर रुपये कमाने वाले भी शामिल हैं. गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने 748 ग्राम सोना, 1150 ग्राम चांदी बरामद किया है. जबकि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक में 647 ग्राम सोना रख कर ऋण लिया है. लॉकर से गायब हो रही जेवरातों की पूरी जानकारी बैंक के डिप्टी मैनेजर और मैनेजर के पास थी, जबकि मुख्य साजिशकर्ता डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार था. बुधवार को पलामू पुलिस ने पूरे मामले पर खुलासा किया और गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा है.
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फरवरी में ही यूनाइटेड बैंक के लॉकर में सेंध
पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर में पहली बार फरवरी महीने में ही सेंध लगाई गई थी. उस दौरान दो ग्राहकों के लॉकर से जेवरात को डिप्टी मैनेजर ने बाहर निकाला. उस दौरान गुरजीत सिंह और एक रिटायर प्रोफेसर के साथ यह घटना हुई थी. उस दौरान बैंक के मैनेजर और डिप्टी मैनेजर ने पूरे मामले को मैनेज कर लिया. उसके बाद से डिप्टी मैनेजर लगातार बैंक के लॉकर से जेवरात को गायब कर रहा था. एसपी ने बताया कि डिप्टी मैनेजर ने 09 लॉकर से जेवरात को गायब किया था, दो मैनेज हो गए है. जबकि 05 ने पुलिस ने पास शिकायत की है, दो लोग बाहर हैं और शिकायत करने नहीं पंहुचे है.
डिप्टी मैनेजर ने बनवाई थी डुप्लीकेट चाबी
एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार ने लॉकर की डुप्लीकेट चाबी बनवाई थी. मकबूल अंसारी नामक युवक डुप्लीकेट चाबी बनाया करता था. एसपी ने बताया कि इस मामले में मैनेजर, बैंक के अन्य कर्मी भी शामिल थे. जिस दिन जेवरात को गायब किया जाता था, उस दिन लॉकर की चाबी सेफ से अलग रखी जाती थी. डिप्टी मैनेजर बैंक जाता था और जेवरात को बाहर निकालता था. अक्सर वह रात में छुट्टी के दिन घटना को अंजाम देता था.
चाबी बनाने का लेता था 10 हजार रुपये
अत्याधिक कर्ज से परेशान डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार ने अपने दोस्त मनोज कुमार से एक चाबी बनाने वाले को खोजने को कहा था. मनोज कुमार ने चाबी बनाने वाले मकबूल अंसारी नामक युवक को डिप्टी मैनेजर से मिलवाया था. डिप्टी मैनेजर के कहने पर ही मकबूल ने लॉकर की डुप्लीकेट चाबी तैयार की थी, मकबूल एक चाबी बनाने के लिए डिप्टी मैनेजर से 10 हजार रुपये लिया करता था. एसपी ने बताया कि बैंक लॉकर का चाबी तैयार करना आसान नहीं है, मैनेजर ने आसानी से इसकी चाबी तैयार करवा ली। मामले में लॉकर बनाने वाली कंपनी से भी जवाब मांगा जाएगा.