पाकुड़: कोरोना संक्रमण से बचाव और इसकी रोकथाम को लेकर जारी लाॅकडाउन में आम सहित खास लोग बीते कई महीनों से परेशान हैं. लाॅकडाउन की वजह से आज भी कई ऐसे कारोबार हैं जो बंद हो गये हैं और इनसे जुड़े कर्मी बेरोजगार होने की वजह से इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.
आर्थिक तंगी में युवक-युवतियां
कई कारोबार बंद हो जाने की वजह से इनसे जुड़े कर्मियों के सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. पापी पेट मान नहीं रहा और इनके परिवार के सामने अब विकट परिस्थिति उत्पन्न हो गयी है. अगर सरकार ने कुछ शर्तो पर इन कारोबारियों को अपनी दुकानें और प्रतिष्ठान खोलने की इजाजत नहीं दी, तो दुकानदारों को जो नुकसान उठाने पड़ेंगे वह तो अलग है, लेकिन सबसे ज्यादा खामियाजा इन प्रतिष्ठानों और दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों को भुगतना पड़ेगा. क्योंकि शासन और प्रशासन ने अब तक इनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है, जैसा प्रवासी मजदूरों के लिए किया गया है. शाॅपिंग माॅल, सैलून, जिम, पार्क, कोचिंग सेंटर में काम करने वाले कामगार इस लॉकडाउन में बेरोजगारी में दिन काट रहे हैं और अब बिना वेतन के वो आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं.