पाकुड़:जिला केपचुवाड़ा नॉर्थ एवं सेंट्रल कोल परियोजना में कोयला उत्खनन और परिवहन के दौरान हो रहे वायु प्रदूषण के खिलाफ सैकड़ों आदिवासियों ने दुर्गापुर गांव के निकट सड़क जाम कर दिया. पाकुड़ लिंक रोड पर ग्रामीणों के बैठ जाने की वजह से बीजीआर इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड और दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड की सड़क मार्ग से कोयला ढुलाई ठप हो गयी.
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सड़क जाम कर कोयला की ढुलाई बाधित करने में शामिल ग्रामीण उड़ रहे धूलकण से फसलों सहित ग्रामीणों के स्वास्थ्य संबंधी नुकसान को रोकने के लिए प्रदूषण नियमों का अनुपालन कराने की मांग कर रहे हैं. सड़क जाम का नेतृत्व कर रहे आदिवासी हित रक्षा समिति के संयोजक मंगल हांसदा ने कहा कि कोयला कंपनियों की मनमानी की वजह से उत्खनन एवं परिवहन के दौरान दर्जनो गांवों की फसलें बर्बाद हो रही है, पेयजल दूषित हो रहा और लोगों को बीमारी का शिकार होना पड़ रह रहा है. मंगल हांसदा ने कहा कि सांकेतिक चक्का जाम किया गया है और कंपनी ने प्रदूषण पर रोक नहीं लगाया तो आगे आंदोलन तेज किया जाएगा.
मंगल हांसदा ने बताया कि कोयले के धूलकण से विशनपुर, बरहाबाद, पोलासडांगा, कदमा, श्यामपुर, चांदपुर, मालपहाड़ी सहित सैकड़ों गांव टोला प्रभावित हैं. उन्होंने बताया कि धूलकण के कारण हजारों एकड़ भूमि में किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं, जबकि नाला, तालाब का पानी इतना काला हो गया है कि मवेशियों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि कोल कंपनी सबसे पहले प्रदूषण के फैलाव को रोके और सभी प्रभावित लोगों को मुआवजा दे.
मंगल हांसदा ने कहा कि यदि कोल कंपनी इस पर विचार नहीं करती है तो आगे अनिश्चितकालीन चक्का जाम किया जाएगा. मंगल हांसदा ने बताया कि कोल कंपनी द्वारा प्रदूषण फैलाये जाने को लेकर न तो प्रदूषण नियंत्रण विभाग इस पर कोई ध्यान दे रहा है और न ही स्थानीय प्रशासन. जिस कारण कोल कंपनी मनमानी कर रही है, जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोल कपनी प्रभावित ग्रामीणों का न तो स्वास्थ्य जांच करा रही है और न ही सड़क पर पानी का छिड़काव कर रही है. इधर सड़क जाम की सूचना मिलते ही अंचल निरीक्षक देवकांत सिंह पुलिस अधिकारी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और सड़क जाम कर रहे ग्रामीणों की समस्या सुनी. फिलहाल, उन्होंने कोल कंपनी के अधिकारियों से कहा है कि समस्या का समाधान किया जाए.