पाकुड़: जिले के मत्स्य पालकों को आत्मनिर्भर बनाने, आय दोगुनी करने और बेहतर तरीके से मछली पालन करने को लेकर सूचना भवन में कई मछुआरों को एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें मत्स्य प्रसार पदाधिकारी सुशील हांसदा ने कई अहम जानकारी दी.
प्रशिक्षण में भाग लेने वाले मत्स्य पालकों को मछली पालन के पहले तालाब की मिट्टी और जल की जांच कराने, तालाब का आकार, गहराई के हिसाब से जीरा डालने, जीरा डालने के बाद समय-समय पर भोजन देने के बारे में विस्तार से बताया गया. मत्स्य प्रसार पदाधिकारी ने बताया कि आईटीसी मिशन सुनहरा कल के तत्वाधान में नीति आयोग की ओर से चयनित आकांक्षी जिला पाकुड़ के सैकड़ों गांव के मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि हो इसके लिए जिले के सभी 6 प्रखंडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मत्स्य पालकों को कतला, रेहू, सिलवर, गोल्डन आदि मछली का पालन कैसे किया जाए, कम पूंजी में ज्यादा आमदनी के बारे में जानकारी दी गई है.