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शासन प्रशासन की गलत नीतियों का विरोध, 12 अगस्त से कारोबार बंद करेंगे पत्थर व्यवसायी

पाकुड़ में अवैध माइंनिंग की रोकथाम को लेकर शासन प्रशासन की गलत नीतियों के खिलाफ 12 अगस्त से पत्थर व्यवसायी कारोबार बंद (Stone traders will stop business) करेंगे. पत्थर व्यवसायी संघ (stone traders association) का आरोप है कि पिछले 100 साल से वैध तरीके से काम कर रहे कारोबारियों को परेशान किया जा रहा है.

Stone traders will stop business from August 12 against government and administration in Pakur
पाकुड़

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Published : Aug 11, 2022, 7:51 AM IST

पाकुड़: जिला में अवैध माइनिंग की रोकथाम के नाम पर पत्थरों के वैध तरीके से कर रहे कारोबार में शामिल कारोबारियों ने शासन प्रशासन की गलत नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसको लेकर पत्थर कारोबारियों ने सिंधी पंचायत भवन में बैठक की. जिसमें सर्वसम्मति से आगामी 12 अगस्त से अपने अपने पत्थर इकाईयों को अनिश्चितकालिन बंद (Stone traders will stop business) करने का निर्णय लिया है. इस बैठक में चैंबर ऑफ कॉमर्स (Pakur Chamber of Commerce) के सचिव ने भी हिस्सा लिया.

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सिंधी पंचायत भवन में पत्थर व्यवसायी संघ (stone traders association) के किशोर खेमानी की अध्यक्षता में पत्थर कारोबारियों की बैठक हुई. जिसमें जिला के सभी प्रखंडों के पत्थर व्यवसायियों ने हिस्सा लियाय यहां मौजूद पत्थर व्यवसायियों ने संघ के पदाधिकारियों का ध्यान वैध तरीके से पत्थर कारोबार किये जाने के बावजूद खनन विभाग द्वारा माइनिंग चालान निर्गत नहीं करने, सीटीओ एवं ईसी के लिए आवेदन देने के महीनों बीतने के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं मिलने के मामले को प्रमुखता से रखा. दर्जनों पत्थर व्यवसायियों ने अवैध माइनिंग की रोकथाम के नाम पर खदानों की हो रही मापी में भी अफसरशाही के हावी रहने के मामले को रखते हुए अनिश्चितकालिन कारोबार बंद करने का प्रस्ताव रखा है.

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विचार विमर्श के बाद पत्थर व्यवसायी संघ के किशोर खेमानी ने आगामी 12 अगस्त से पत्थर इकाईयो में कामकाज अनिश्चितकालिन बंद करने की (stop business from August 12 in Pakur) घोषणा की है. पत्थर व्यवसायी संघ के किशोर खेमानी ने बताया कि खदान एवं क्रशर की जांच के नाम पर भयादोहन और अर्थादोहन करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वैध तरीके से काम करने के बावजूद पत्थर कारोबारियों को अवैध करार दिया जा रहा. ऐसी परिस्थिति में अपनी अपनी पत्थर इकाईयों को अनिश्चितकालिन बंद करने के सिवाय और कोई रास्ता वैध तरीके से काम करने वाले पत्थर कारोबारियों के पास नहीं रह गया है. उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन में बैठे लोग नीतियां बनाने, नियमों को अमली जामा पहनाने के पहले हम पत्थर व्यवसायियों के साथ मिल बैठकर यह भी जानने का प्रयास नहीं करता कि आखिर में हमारी समस्या क्या है और दिक्कतें क्या हैं.

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