पाकुड़: न्याय पाने और अपनी सुरक्षा के लिए लोगों को थाना की शरण लेते हुए आपने जरूर देखा होगा. लेकिन पशु-पक्षियों को अपनी जिंदगी बचाने के लिए थाना की शरण लेना शायद ही देखा होगा. ऐसा हुआ है, झारखंड राज्य के अंतिम छोर में बसे पाकुड़ जिला के हिरणपुर थाना में. जहां भारी संख्या में साइबेरियन पक्षियों (Siberian Birds) ने थाना परिसर (Police Station Campus) को अपना बसेरा बना लिया है.
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पाकुड़ के हिरणपुर थाना (Hiranpur Police Station) में हर दिन लोग आते हैं, शिकायतें देते हैं, न्याय की गुहार लगाते हैं, सुरक्षा की मांग को लेकर यहां दस्तक देते हैं. सात समुंदर पार साइबेरिया (Siberia) से विदेशी पक्षी अपनी जिंदगी बचाने के लिए सैकड़ों की संख्या में यहां पहुंचे हैं. यहां पहुंचे साइबेरियन पक्षियों (Siberian Birds) ने थाना परिसर में स्थित पेड़-पौधों को अपना आशियाना बनाया है. शायद इन्हें भी विश्वास था कि जिस थाना परिसर को अपना आशियाना बना रहे हैं तो उनकी जिंदगी से कोई खिलवाड़ नहीं करेगा.
वाकई खुद की सुरक्षा के लिए थाना परिसर में डेरा जमाए साइबेरियन बर्ड्स (Siberian Birds) को यहां भरपूर सुरक्षा मिल रही है. भारी संख्या में पहुंचे साइबेरियन पक्षी थाना परिसर में स्थित आम, पीपल, इकोलिप्ट्स की पेड़ के ऊपर घोंसला बनाकर रह रहे हैं. प्रखंड मुख्यालय के अलावा तारापुर, सुंदरपुर गांव के खेतों में यह पक्षी सुबह होते ही अपना आहार खोजने पहुंचते हैं. ये पक्षियां यहां के नदी, तालाब से मछलियों का शिकार करती हैं. जिससे गांव के लोगों में इन विदेशी मेहमानों को देखने के लिए उत्साहित रहते हैं.
साइबेरियन बर्ड्स की चहचहाट से गुलजार थाना परिसर
हिरणपुर थाना में आने वाले फरियादी भी थाना परिसर में रह रहे साइबेरियन बर्ड्स को देखकर काफी प्रफुल्लित होते हैं. आसपास के लोग थाना परिसर में बसर कर रहे पक्षियों को देखने आते हैं. पुलिस चौकी होने की वजह से बाहर से आए लोग इन पक्षियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इन साइबेरियन बर्ड्स को हिरणपुर थाना (Hiranpur Police Station) की पूरी सुरक्षा मिल रही है. पक्षियों के कलरव से पूरे परिसर में रौनक है और पुलिसकर्मी भी इन पक्षियों के देखकर आनंदित हो रहे हैं.
साइबेरियन बर्ड्स का बसेरा विदेशी मेहमान की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी
हिरणपुर थाना प्रभारी मदन कुमार (Hiranpur police station in-charge Madan Kumar) ने बताया कि थाना परिसर के आसपास काफी पेड़ हैं, फिर ये पक्षी हमारे थाना में लगे पेड़ों में अपना घोंसला बनाया है. थाना परिसर में इनका आशियाना होने की वजह से इन विदेशी बेजुबान मेहमानों की सुरक्षा करना भी हमारा दायित्व है. उन्होंने बताया कि थाना परिसर के आसपास के लोगों से अपील किया गया है कि इस प्रवासी पक्षी के साथ कोई छेड़छाड़ ना करे, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी.
हिरणपुर थाना के पुलिसकर्मी बताते हैं कि साइबेरियन पक्षी यहां हर साल आते हैं और खुद के बनाए घोंसले में ही रहते हैं. साइबेरियन पक्षी भोजन के लिए नदी के किनारे स्थित घोंघा, छोटी-छोटी मछली समेत बाकी चीजों पर निर्भर होते हैं. ये पक्षी काफी संख्या में हर साल पाकुड़ पहुंचते हैं और थाना परिसर को ही अपना रैन बसेरा बनाकर रहते हैं.
साइबेरियन पक्षियों का झूंड उन्होंने आगे बताया कि हर साल अप्रैल माह से इन साइबेरियन पक्षियों का आना शुरू हो जाता है और प्रजनन के बाद अगस्त के बाद नवंबर-दिसंबर के महीने तक ये पक्षी यहां से प्रस्थान करते हैं. पक्षियों के आने से थाना में रौनक बनी रहती है.
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हर साल आते हैं साइबेरियन बर्ड्स
साइबेरियन पक्षी साइबेरिया से ठंड से बचने के लिए आते हैं. पर्यावरणविदों के मुताबिक साइबेरिया में इस वक्त ठंड ज्यादा पड़ती है और इसी से बचने के लिए साइबेरियन पक्षी अपना देश छोड़कर प्रदेश आते हैं गर्मी के मौसम में पहुंचते हैं. यह आकाशीय मेहमान अगस्त माह के अंत तक अपना देश लौट जाएंगे. साइबेरियन ऐसे पक्षी हैं जो हवा में उड़ते हैं और पानी में भी तैरते हैं. दरअसल, साइबेरिया बहुत ही ठंडी जगह है. इस तरह के तापमान में इन पक्षियों का जिंदा रह पाना बहुत मुश्किल हो जाता है इसीलिए ये पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके भारत आते हैं.
ये पक्षी रूस के साइबेरिया इलाके से आते हैं इसलिए इन्हें साइबेरियन पक्षी कहते हैं. साइबेरियन ऐसे पक्षी हैं जो हवा में उड़ते हैं और पानी में भी तैर सकते हैं. साइबेरिया बहुत ही ठंडी जगह है. इस तरह के तापमान में इन पक्षियों का जिंदा रह पाना बहुत मुश्किल हो जाता है इसीलिए ये पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके भारत आते हैं. इन साइबेरियन पक्षियों का सफर इतना आसान नहीं होता है, रास्ते में बहुत सारी मुश्किलें आती हैं. आंधी, तूफान और तेज हवाओं से कई पक्षी अपनी जान से भी हाथ धो बैठते हैं, लेकिन फिर भी हर साल भयानक ठंड से भागते हुए वो भारत की ओर सफर जारी रखते हैं.