पाकुड़: कम महिला साक्षरता दर वाले पाकुड़ जिले की आधी आबादी कोरोना को हराने और भगाने की शासन प्रशासन की मुहिम में कदम से कदम मिलाकर चल रही है. रोजमर्रा के काम कर अपने और परिवार का भरण पोषण करने वाली जिले की आधी आबादी ने कोरोना संक्रमण को हराने और भगाने का एक तरह से बीड़ा उठा लिया है. यही वजह है कि ग्रामीण महिलाएं अपने-अपने गांव के लाचार और बेबस बीमार वृद्ध लोगों को कोरोना वैक्सिनेशन सेंटर तक लाने और उन्हें कोरोना का टीका लगवाने के काम में इन दिनों पूरी मेहनत और लगन के साथ जुड़ गयी हैं. यह सब हुआ है पाकुड़ जिला प्रशासन की सूझबूझ और गांव की महिलाओं के सामूहिक प्रयास से.
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कोरोना संक्रमण से बचाने का काम
झारखंड राज्य के अंतिम छोर में बसे पाकुड़ जिले की महिलाएं दूसरे जिलों के वनस्पति शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ी हुई है, लेकिन इनकी हिम्मत और लगन ने पढ़ी-लिखी महिलाओं को कोरोना संक्रमण के इस दौर में पीछे छोड़ दिया है. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की ओर से संचालित सखी मंडलों से जुड़ी वैसी ग्रामीण महिलाएं जो अपने घर का कामकाज निपटाने के बाद आत्मनिर्भर बनने के लिए रोजी रोजगार कर रही हैं. वह अब समय बचा कर कोरोना संक्रमण से अपने गांव के लोगों को बचाने का काम कर रही हैं.