पाकुड़: झारखंड राज्य के अंतिम छोर में बसे कम महिला साक्षरता दर वाला पाकुड़ आज लड़कियों के बीच शिक्षा की अलख जगा रहा है. जबसे आकांक्षी जिला के रूप में चयनित कर यहां के बच्चों के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने को लेकर काम शुरू किया गया है, तब से पाकुड़ में बालिका शिक्षा को बल मिला है. गांव की अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यक वर्ग ही नहीं बल्कि एकल परिवार जिनके मां या पिता में से सिर्फ एक है और अनाथ बच्चियों के शैक्षणिक स्तर को बेहतर बनाने एवं कौशल विकास कर उन्हें स्वावलंबी बनाने में जिला प्रशासन कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा (girls in rural areas taking education) है.
आज कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय पाकुड़ (Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya Pakur) में ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियां स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर से शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. गांव में रहने वाली छात्राओं को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा ही नहीं बल्कि इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी का ज्ञान भी दिया जा रहा है. स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर की शिक्षा के सैकड़ों ग्रामीण बच्चियों की उड़ान को पंख देने का काम कर रहा (rural areas girls study from smart classes) है. सैकड़ों छात्राएं आज पूरे आत्मविश्वास के साथ शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. गरीब परिवार से आने वाली इन बच्चियों के बुलंद इरादे इनके सपनों को आने वाले दिनों में निश्चित रूप से ना केवल साकार करने में मददगार साबित होगा बल्कि इनके जीवन स्तर में भी बदलाव लाने का काम करेगा.