पाकुड़:ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के तत्वावधान में ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के सदस्यों ने क्रू लॉबी में रनिंग स्टाफ की समस्याओं सहित अन्य मांगों के समर्थन में सोमवार को धरना-प्रदर्शन किया. साथ ही डीआरएम के नाम मांग पत्र स्टेशन प्रबंधक को सौंपा. धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व इआरएमयू अध्यक्ष अखिलेश कुमार चौबे ने किया. इस संबंध में यूनियन के सचिव संजय कुमार ओझा ने बताया कि रनिंग स्टाफ और अन्य समस्याओं को लेकर सोमवार को देश भर में केंद्र सरकार की नीतियों और रेल प्रशासन के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है.
Protest In Pakur: पाकुड़ में रेल कर्मियों का धरना-प्रदर्शन, कहा- जल्द मांगें पूरी नहीं हुई तो करेंगे बेमियादी हड़ताल - रेल प्रशासन के खिलाफ आंदोलन
रेलवे कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर पाकुड़ में धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के ज्यादातर सदस्य मौजूद थे. वहीं, आंदोलन कर रहे रेल कर्मचारियों ने केंद्र सरकार और रेल प्रशासन की नीतियों के विरोध में नारेबाजी भी की.
क्या हैं मांगेंः यूनियन के सचिव ने बताया कि रेल प्रशासन से न्यू पेंशन स्कीम को रद्द कर पुरानी पेंशन लागू करने, रेलवे का निजीकरण कर रोक लगाने, खाली पड़े पदों के लिए बहाली करने के अलावे रनिंग स्टाफ की समस्याएं जैसे किलोमीटर भत्ता को वेतन में शामिल करने, रनिंग स्टाफ को 4600, 4800 और 5400 ग्रेड पे का लाभ देने, रनिंग रूम में भोजन की गुणवत्ता और रहने की व्यवस्था में सुधार करने, रनिंग रूम समिति की निर्धारित समय पर बैठक कराने सहित कई अन्य मांगे शामिल हैं.
रेल प्रशासन ने मांगों पर गौर नहीं किया तो करेंगे चरणबद्ध आंदोलनः यूनियन सचिव संजय कुमार ओझा ने बताया कि मांगों को लेकर लगातार आंदोलन किये गए और मांग पत्र रेलवे बोर्ड को भेजी गई, लेकिन रेल प्रशासन ने इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया. इस कारण हमें बाध्य होकर आंदोलन करना पड़ रहा है. वहीं ईआरएमयू पाकुड़ शाखा के अध्यक्ष अखिलेश कुमार चौबे ने कहा कि हमारी मांगों को केंद्र सरकार और रेल प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले दिनों में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा.
सितंबर से बेमियादी हड़ताल की चेतावनीःवहीं यूनियन के अध्यक्ष अखिलेश कुमार चौबे ने कहा कि हमारी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो सितंबर माह से सभी रेलकर्मी हड़ताल पर चले जाएंगे. धरना-प्रदर्शन में रनिंग रूम स्टाफ के अलावे अन्य दर्जनों रेलकर्मियों ने भाग लिया और केंद्र सरकार और रेल प्रशासन की नीतियों के विरोध में जमकर नारेबाजी की.