पाकुड़: पूरे देश में वोकल को लोकल करने की मुहिम जोरों पर चल रही है. इसी मुहिम का लाभ परंपरागत पेशे से जुड़े कुम्हारों को भी दीपावली के त्योहार के मौके पर मिलेने की उम्मीद है. इसी कारण से जिले के कुम्हार पूरी जी जान लगाकर मिट्टी के दीये बनाने में जुटे हुए हैं. दीपावली में उन्हें अपनी आय दोगुनी होनी के पूरी उम्मीद है. इसलिए वो भरपूर मेहनत कर दीया बनाने में लगे हुए हैं.
गलवान घाटी में भारतीय वीर जवानों पर चीन की सेना ने साजिश के तहत हमला किया था, भारत-चीन का विवाद अब तक खत्म नहीं हुआ है. इसी विवाद में देश के लोगों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. चाइना के इलेक्ट्रॉनिक सामान का एकाएक बिक्री घट जाने के बाद इस बार दीपावली के त्योहार में कुम्हारों को भी फायदा मिलेगा. दुर्गा पूजा के बाद से ही लोग सोशल मीडिया फेसबुक, टि्वटर और व्हाट्सएप के जरिए एक दूसरे को यह संदेश भेज रहे हैं कि मिट्टी का दीया जलाना है चीन को सबक सिखाना है.
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