पाकुड़: जिले में एक ऐसी सड़क भी है, जहां कोयला चोरी पर रोक लगाने को लेकर पुलिस और कोयला चोरों के बीच आंख मिचैनी होती है. पुलिस रोज सैकड़ों टन कोयला जब्त करने का दावा करती है, लेकिन कोयला चोरी में शामिल एक भी चोर नहीं पकड़े जाते. दरअसल, पाकुड़-अमड़ापाड़ा लिंक रोड से प्रतिदिन सैकड़ों कोयला से लदे डंपरों का परिचालन होता है, जिसे पुलिस पेट्रोलिंग कर रेलवे साइडिंग लाती है. इसी बीच सैकड़ों की संख्या में लोग जबरन डंपरों से कोयला उतारते हैं, लेकिन मौके से पुलिस एक भी कोयला चोर को गिरफ्तार नहीं कर पाती.
हजारों टन कोयला जब्त करने का दावा
जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड के विशनपुर में पचुवाड़ा नाॅर्थ कोल ब्लाॅक है. इस कोयला खदान से उत्खनित कोयला रेलवे साइडिंग लोटामारा डंपरों से पहुंचता है. पुलिस कोयला से लदे डंपरों को पेट्रोलिंग कर रेलवे साइडिंग लाती है. इसी दौरान दुर्गापुर, आसनडीपा, पोचाथोल, सिलकुट्टी, कोलाजोड़ा आदि स्थानों पर सैकड़ों की संख्या में लोग जबरन डंपरों से कोयला उतारते हैं और उसे पश्चिम बंगाल के माफिया पाकुड़ के ही कुछ सफेदपोश की मिलीभगत से साइकिल, मोटरसाइकिल, भुटभुटिया से ले जाने का काम करते हैं. जबरन कोयला उतारने वाले स्थानों पर पुलिस ने छापेमारी कर हजारों टन कोयला जब्त करने का दावा कई बार किया है.