पाकुड़: कोरोना को हराने की मुहिम में पूरा देश एक साथ खड़ा है. कोरोना से बचने के लिए सभी जगहों पर सोसल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है. जिला प्रशासन लोगों से लॉकडाउन के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का लगातार पालन करने की अपील कर रही है. पाकुड़ में भी कोरोना की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान जारी है.
पाकुड़ जिले में कोरोना को भगाने के लिए चल रही मुहिम में झोलाछाप डॉक्टर भी एक चर्चा का विषय बन गया है. लोगों का मानना है कि यदि लॉकडाउन में स्वस्थ रहना है तो भगवान से दुआ करना पड़ेगा, नहीं तो झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ सकता है. जिले में लोग ऐसा चर्चा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि एक तो जिले में सरकारी डॉक्टरों की कमी है, वहीं लॉकडाउन के बाद सदर अस्पताल सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी बंद है. ऐसे में किसी भी शख्स की तबीयत बिगड़ गई तो उनका एकमात्र सहारा झोलाछाप डॉक्टर ही है. शासन प्रशासन भी इन झोलाछाप डॉक्टरों की ओर विपदा की इस घड़ी में आंखें नहीं तरेर रहा है, क्योंकि स्वास्थ्य संबंधित आधे से ज्यादा समस्याओं का गांव में ही निदान हो रहा है.
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