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लिट्टीपाड़ा जोन में एक बार फिर मलेरिया के खौफ में लोग, पिछले दो हफ्तों में 4 बच्चों समेत 5 की मौत

People in fear of malaria in Littipara. लिट्टीपाड़ा जोन में एक बार फिर मलेरिया का खौफ लोगों में फैल रहा है. पिछले दो हफ्ते में चार बच्चों और एक महिला की मौत से हड़कंप मचा हुआ है.

People in fear of malaria in Littipara zone in pakur
People in fear of malaria in Littipara zone in pakur

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 16, 2023, 6:33 PM IST

Updated : Dec 16, 2023, 6:47 PM IST

लिट्टीपाड़ा जोन में एक बार फिर मलेरिया के खौफ में लोग

पाकुड़: जिले के मलेरिया जोन के रूप में चिन्हित लिट्टीपाड़ा प्रखंड के जामकुंदर गांव में दो हफ्तों के अंदर चार नाबालिग और एक वृद्ध महिला की मौत हो गयी हुई है. लगातार बच्चों की हो रही मौत से ग्रामीणों काफी भयभीत हैं. ग्रामीणों के मुताबिक वर्तमान में 30 से 35 लोग अभी भी बीमार हैं. गुरुवार की देर रात को इलाज के दौरान पश्चिम बंगाल के एक निजी नर्सिंग होम में पांच वर्षीय रेशमा मुर्मू की मौत हो गई, वह मलेरिया से ग्रसित थी.

मलेरिया से हो रही मौत पर प्रधान हेब्रम जो इस गांव के प्रधान हैं ने बताया कि एक वर्षीय रामेश्वर किस्कू, 2 वर्षीय समियाल पहाड़िया, 15 वर्षीय छिता किस्कू और 65 वर्षीय दुलर हांसदा की मौत बीते दो सप्ताह के अंदर हुई है. कई ग्रामीणों ने बताया कि गांव में टीम ने सर्वे तो किया है लेकिन सभी को इसकी जानकारी नहीं मिली है. ग्रामीणों ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गांव से काफी है. इसके कारण लोग आमतौर पर वहां नहीं जाते हैं. अगर कोई जांच करवाने पहुंच भी गया तो जांच रिपोर्ट के लिए दो तीन दिन बाद दोबारा जाना पड़ता है.

लगातार लिट्टीपाड़ा प्रखंड में लोगों की हो रही मौत को लेकर भाजपा नेता दानियल किस्कू ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण लोगों की मौत हो रही है. वहीं सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने कहा कि मलेरिया से एक भी लोगों की मौत नहीं हुई है. सिविल सर्जन ने कहा कि पूर्व में भी बड़ाकुटलो गांव में मलेरिया से मौत की जानकारी मिली थी. उसके बाद से पूरे इलाके में मेडिकल कैंप लगाया और जांच हुई, फॉगिंग के साथ घर घर में छिड़काव भी कराया गया है.

इस मामले में सिविल सर्जन ने कहा कि बड़ा कुटलो गांव में भी कुछ लोगों की मौत की बाते सामने आयी थी, वह भी अन्य बीमारियों से ग्रसित थे न की मलेरिया से. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के निजी नर्सिंग होम में एक की मौत होने की जानकारी हमें नहीं है. शनिवार को मिली सूचना के बाद जामकुंदर गांव में मेडिकल टीम पहुंची उन्होंने लोगों के स्वास्थ्य की जांच की.

वहीं, जिला जनसम्पर्क विभाग से दी गयी जानकारी के मुताबिक 27 नवंबर से 3 दिसम्बर तक घर-घर सर्वे कर 29 हजार 936 लोगों की मलेरिया जांच की गयी थी, जिसमें 972 पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद सभी का इलाज कराया गया.

Last Updated : Dec 16, 2023, 6:47 PM IST

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