पाकुड़: किसानों की मेहनत और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रशासन का सहयोग सब्जी की खेती के मामले में पाकुड़ को आत्मनिर्भर बना रहा है. किसानों की मेहनत का ही नतीजा है कि जो सब्जी पहले स्थानीय बाजारों में बिक रही थी वही सब्जी अब विदेशों में रह रहे लोगों के रसोई घर में पाकुड़ की मिट्टी का सुगंध बिखेर रही है.
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विदेशों में बढ़ी मांग
वैसे तो पाकुड़ के किसान सब्जी की खेती पहले से ही किया करते थे लेकिन प्रशासन से मिले सहयोग के बाद यहां की खेती इतनी उन्नत हो गई है कि यहां उगाई गई सब्जियों की विदेशों में भी डिमांड बढ़ने लगी है. बैगन, भिंडी, बरबट्टी, ब्रोकली के बाद अब कच्चू भी विदेशो में पसंदीदा बन रहा है.
कच्चू से आई चेहरे पर मुस्कान
पाकुड़ में किसानों द्वारा उपजाए गए कच्चू कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विभाग प्राधिकरण एपीडा के सहयोग से कतर भेजे जा रहे हैं. किसानों की ओर से पैदा किए गए दो मीट्रिक टन कच्चू की पहली खेप कोलकाता के रास्ते विदेश भेजी जा रही है. इसे डीसी वरूण रंजन ने हरी झंडी दिखाई है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विभाग प्राधिकरण की पहल से न केवल किसानों के चेहरे खिल उठे हैं बल्कि उनकी आमदनी में भी लगातार वृद्धि हो रही है. आय में बढ़ोतरी से खुश किसानों ने प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत योजना की सराहना की है.