पाकुड़: झारखंड में ओलचिकी लिपि के विरोध में आदिवासी समाज ने आंदोलन की शुरुआत कर दी है. शनिवार को संथाली भाषा बचाओ मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने झारखंड सरकार के खिलाफ पाकुड़ जिला मुख्यालय के गोकुलपुर में धरना प्रदर्शन किया. मोर्चा के नेता मार्क बास्की ने कहा कि संथाल परगना के आदिवासियों को ओलचिकी स्वीकार नहीं है.
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नेतृत्वकर्ता मार्क बास्की ने क्या कहा:धरना प्रदर्शन का नेतृत्व के रहे मोर्चा के मार्क बास्की ने बताया कि ओलचिकी लिपि को हेमंत सरकार जबरन थोपना चाहती है. जिसे आदिवासी समाज बर्दाश्त नहीं करेगा. मार्क बास्की ने कहा कि आदिवासी समाज में महिला पुरुष उच्च शिक्षा प्राप्त कर शिक्षा देने का काम कर रहे हैं.
ओलचिकी से होगी लोगों को दिक्कत:ओलचिकी लिपी को लागू कर दिया गया तो सभी को दिक्कतें होगी. मार्क बास्की ने कहा कि हमारे लिए देवनागरी लिपि ठीक है. ओलचिकी लिपि संथाली भाषा एवं संस्कृति को नष्ट करने का काम करेगी. इससे आम लोगों का भला नहीं होने वाला है.
2024 विस चुनाव में दिखेगा असर:मार्क बास्की ने कहा कि इस आंदोलन की शुरुआत शांतिपूर्ण तरीके से की गई है. वर्तमान सरकार को संकेत देने का काम किया गया है. यदि इसके बाद भी ओलचिकी को लागू किया गया तो आने वाले दिनों में रोषपूर्ण प्रदर्शन किया जाएगा. 2024 के चुनाव में इसका असर दिखेगा.
संथाल परगना को नहीं है स्वीकार:मार्क बास्की ने बताया कि ओलचिकी लिपि खासकर संथाल परगना के आदिवासी स्वीकार नहीं करेंगे. धरना प्रदर्शन में मौजूद सैकड़ों आदिवासी समाज के लोगों ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. धरना प्रदर्शन में पाकुड़ के अलावे निकटवर्ती जिलों से भी आदिवासी समाज के लोगों ने हिस्सा लिया.