पाकुड़:ठगी करने वाले नित्य नए पैंतरे अपनाते रहते हैं. जिले के एक व्यक्ति को लोन का लालच देकर उसके नाम से बैंक अकाउंट खुलवाया गया और फिर इस अकाउंट का उपयोग साइबर अपराधियों ने अपने फायदे के लिए किया. दरअसल अकाउंट खुलावाने के नाम पर उस व्यक्ति से सारे डॉक्यूमेंट्स और सिगनेचर ले लिए. इस आधार पर उस व्यक्ति के नाम पर नया बैंक अकाउंट खुल गया.
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पुलिस पहुंची तब हुआ ठगी का अहसास:अब इसी नए अकाउंट का उपयोग ठगी के पैसे के उस अकाउंट में मंगवाने के लिए अपराधी करने लगे. अब जब पैसे अकाउंट में आ गए तो एटीएम के माध्यम से पूरे पैसे की निकासी कर ली. शख्स को इस बात की भनक तब लगी जब उसे आरेस्ट करने आंध्र प्रदेश की पुलिस पाकुड़ पहुंच गई. इसके बाद व्यक्ति ने ठगी की आपबीती और शिकायत नगर थाने में की.
क्या है ठगी से जुड़ा ये पूरा मामला:पीड़ित मानवेल सोरेन ने मामले में जिले के हिरणपुर प्रखंड के कदमाटोली गांव निवासी धर्मनाथ और धनंजय रविदास पर ठगी का आरोप लगाया है. कहा कि उसे लोन दिलाने के नाम पर आधार व वोटर कार्ड, पेन कार्ड एवं फोटो के साथ जिला मुख्यालय स्थित बंधन बैंक ले जाया गया और खाता खुलवाने के नाम पर कई दस्तावेजों में हस्ताक्षर कराए गए. कहा कि आरोपी धर्मनाथ और धनंजय ने उसे कुछ दिनों में लोन की मंजूरी मिलने की बात बता कर उसे घर भेज दिया. और इधर आरोपियों ने उसके अकाउंट का प्रयोग ठगी के पैसे को उसमें मंगवाने के लिए करने लगे. आंध्र प्रदेश की पुलिस को यह जानकारी हुई कि मानवेल नाम के व्यक्ति के अकाउंट में ठगी के पैसे जमा किए गए है. इस आधार पर आंध्रा पुलिस मानवेल को गिरफ्तार करने पाकुड़ पहुंच गई. इधर मानवेल को इस बात की भनक ही नहीं थी कि उसके साथ खेला हो गया है. उसके खोले गए नए अकाउंट का यूज साइबर अपराधियों ने अपने फायदा के लिए कर लिया है. जब उसे ठगी की जानकारी हुई उसके बाद उसने इसकी शिकायत नगर थाने में की और पुलिस को अपनी आपबीती बताई.
संपत्ति का ब्यौरा पूछकर चला गया:शिकायत के मुताबिक कुछ दिन बाद बंधन बैंक कर्मी पंकज दास मानवेल के घर आया और पूरे परिवार के सदस्यों की तस्वीर ली और संपत्ति का ब्योरा पूछकर चला गया. बाद में पूछने पर यह बताया गया कि उसके लोन को बैंक ने मंजूरी नहीं दी थी. शिकायत के बाद में आंध्र प्रदेश पुलिस पहुंची मामले की जांच की.
आंध्र पुलिस को बताई ये बात:इस दौरान पीड़ित ने बताया कि घटना की जनाकारी पुलिस को दी. एटीएम से राशि निकासी की बात पुलिस से कही. साथ ही मानवेल ने आंध्र पुलिस को बताया कि उसे लोन दिलाने के नाम पर दो व्यक्ति बंधन बैंक ले गए थे और कागजात लेकर कई दस्तावेज में हस्ताक्षर कराया गया.
प्राथमिकी कर जांच में जुटी पुलिस:मानवेल ने कहाकि उसके बाद न तो लोन की मंजूरी मिली और न ही बैंक से कोई एटीएम प्राप्त किया है. बैंक कर्मियों ने उन्हें बताया कि जिस मोबाइल नंबर से खाता खोला गया है वह नम्बर धर्मनाथ रविदास के नाम है. नगर थाने की पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर जांच में जुट गयी गयी है.