झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

पाकुड़ में नॉन बैंकिंग कंपनी ने बिछाया अपना जाल, शासन-प्रशासन बेखबर - pakur district administration

पाकुड़ में 12 नॉन बैंकिंग कंपनी (Non banking companies) फिर से शुरू हो गईं हैं. ये कंपनी लोगों को भारतीय रिजर्व बैंक और बैंकों के फर्जी पेपर दिखाकर ग्रामीणों को ऋण दे रहे हैं और ऋण की वसूली कर रहे हैं. वहीं प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है.

non banking company in pakur
पाकुड़ में नॉन बैंकिंग कंपनी ने बिछाया अपना जाल

By

Published : May 30, 2021, 5:20 PM IST

पाकुड़: जिले में लगभग 12 नॉन बैंकिंग कंपनियों (Non banking companies) ने फिर से अपना जाल बिछा लिया है. ये कंपनी ग्रामीणों को ऋण दे रहीं हैं और वसूली कर रहीं हैं. आरोप है कि ये कंपनी समानांतर बैंक चला रहीं हैं. इसकी भनक जिले की न तो पुलिस और न हो सिविल प्रशासन को है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें-पाकुड़: सीमावर्ती इलाकों में बने अस्थायी चेक नाका का डीसी-एसपी ने किया निरीक्षण



नॉन बैंकिंग कंपनी के ग्राहक
पाकुड़ जिला मुख्यालय के बैंक कॉलोनी, सिंधीपाड़ा, कालीतल्ला सहित कई मोहल्ले में छोटे-छोटे मकान किराए पर लेकर कंपनियों ने अपना कार्यालय खोल रखा है. ये कंपनियां गांव के ही युवकों के साथ पहले मीटिंग कर बड़े नेता, फिल्मी कलाकार, उद्योगपति का बैंक बताकर उन्हें करोड़पति बनने का सपना दिखाती हैं. इसके बाद उसे एजेंट बनाकर उसी गांव के लोगों को ऋण लेने, सेविंग अकाउंट, डिपॉजिट करने के लिए उन्हें समझाने और उसे अपना नॉन बैंकिंग कंपनी का ग्राहक बनाने के लिए कहा जाता है.

कंपनी एक्ट के तहत पंजीयन
स्थानीय लोगों का कहना है कि इन कंपनियों ने पश्चिम बंगाल के व्यवसायियों की ओर से प्रोडक्ट बनाने और बेचने के लिए कंपनी एक्ट के तहत पंजीयन कराकर सीमावर्ती इलाकों में बैंक खोल कर लोगों को फंसाने का काम शुरू कर दिया है. इन कंपनियों ने भारतीय रिजर्व बैंक के फर्जी पेपर भी बना रखे हैं. फर्जी दस्तावेज सिर्फ बंद कमरे में एजेंट को दिखाया जाता है, ताकि ये लोगों को समझा सके. इधर नॉन बैंकिंग कंपनी के बारे में गांव के लोग इसलिए खुलकर बोलने लगे कि जिन लोगों ने ऋण लिया था वे अब लॉकडाउन के कारण ऋण समय पर नहीं चुका पा रहे हैं.

पहले किया था गोलमाल
पूर्व में पाकुड़ जिला मुख्यालय में 50 से ज्यादा नॉन बैंकिंग कंपनी खुलेआम चल रहीं थीं. तत्कालीन डीसी सुनील कुमार सिंह के निर्देश पर अधिकारियों ने छापेमारी शुरू की थी और कई कंपनियों के कार्यालय को सील कर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. प्रशासन की छापेमारी के पूर्व और बाद में कई कंपनी करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गई थीं.


होगी विधि सम्मत कार्रवाई
इस मामले में जब एसडीपीओ पाकुड़ अजित कुमार विमल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में नॉन बैंकिंग कंपनी चल रही है या नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं है. एसडीपीओ ने कहा कि यदि नॉन बैंकिंग कंपनी चल रही है तो यह पता लगाया जाएगा कि आरबीआई से इसे आदेश है या नहीं और यदि फर्जी तरीके से बैंक चल रहा है तो विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details