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लॉकडाउन का असर: दाने-दाने को मोहताज राजस्थानी घुमंतू परिवार, भीख मांगने को मजबूर

कोरोना वायरस के चलते देश में लगे लॉकडाउन का असर अब दिखने लगा है. लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानी गरीब और मजदूर वर्ग को रही है. अब हालात यह है कि लॉकडाउन के कारण पाकुड़ में फंसे राजस्थान के घुमंतू परिवार खाने के लिए भीख मांगने को मजबूर हो गया है.

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Published : Apr 15, 2020, 3:34 PM IST

family of Rajasthan trappfamily of Rajasthan trapped in Pakured in Pakur
दाने-दाने को मोहताज घुमंतू परिवार

पाकुड़:कोरोना वायरस को हराने और भगाने की मुहिम में लॉकडाउन को और 19 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है. इस दौरान शासन-प्रशासन के अलावे स्वयं सेवी संस्थाएं और कई समाज सेवियों के साथ जनप्रतिनिधि भी लॉकडाउन में फंसे मजदूरों, वृद्धों और दिव्यांगों जैसे जरूरतमंद लोगों की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में लगे हैं.

वीडियो में देखिए स्पेशल रिपोर्ट

इन सबके बावजूद भी जिले में एक ऐसा तबका भी है जो पहले तो लॉकडाउन में फंसा और अब दाने-दाने को मोहताज हो गया है. पेट की भूख मिटाने के लिए इन लोगों को अब भीख मांगने को विवश होना पड़ रहा है. आखिर हो भी क्यों नहीं क्योंकि शुरुआती दौर में इन्हें कई लोगों ने मदद की, लेकिन आज इन्हें सरकारी सुविधाएं इसलिए नहीं मिल रही है क्योंकि यह इस राज्य के रहने वाले नहीं हैं!

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बता दें कि राजस्थान के दर्जनों लोग कोरोना वायरस के फैलने के पहले पाकुड़ आए थे. इस आस में कि कुछ कामकाज करके कमाएंगे और अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे. इनके पाकुड़ पहुंचने के कुछ दिन बाद ही कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन हो गया. जिस कारण यह लोग अपने घर वापस नहीं जा पा रहे. वहीं इनके पास इतने पैसे नहीं बचे हैं कि कुछ सामान खरीद कर अपना और परिवार का भूख मिटा सकें. इस कारण मजबूरन इन्हें अपने स्वाभिमान से इतर भीख मांगना पड़ रहा है.

दवा बेचने का करते हैं काम

सभी खानाबदोश परिवार राजस्थान से आये हैं और पाकुड़ में घूम-घूम दवा बेचने का काम कर रहे थे. इसी बीच लॉकडाउन में फंसकर पाकुड़ में ही रह गए. गली मोहल्लों में घूम-घूम कर किसी से पका भोजन तो किसी से सूखा आहार मांग कर अपना पेट पाल रहे हैं. राजस्थान के इन लोगों ने फिलहाल अपना आशियाना नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 11 बाग्तीपाड़ा में बनाया है.

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वहीं इनके खाने रहने की व्यवस्था को लेकर वार्ड पार्षद मोनिता कुमारी ने बताया कि हमारे पास कोई ऐसा फंड नहीं है जो इन परिवारों को दो वक्त का भोजन मुहैया करा सके. इस मामले को लेकर नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी गंगाराम ठाकुर ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है. सबका डिटेल्स मंगाया जाएगा और उन्हें भोजन मिल सके इस ओर उचित कदम उठाया जाएगा.

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