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पाकुड़ में एक भी स्पेशल ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं, यात्रियों में भारी नाराजगी - पाकुड़ में स्पेशल ट्रेनों का ठहराव नहीं

कोरोना महामारी के बीच रेलवे ने 200 विशेष ट्रेनों के संचालन की घोषणा की है, लेकिन पाकड़ स्टेशन को निराशा हाथ लगी है. स्पेशल ट्रेनों की सूची में एक भी ट्रेन नहीं है, जो पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर ठहरेगी. ऐसे में जिले के यात्रियों में भारी आक्रोश है.

पाकुड़ में नहीं रुकेगी स्पेशल ट्रेन
पाकुड़ में नहीं रुकेगी स्पेशल ट्रेन

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Published : Jun 3, 2020, 12:04 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 2:19 PM IST

पाकुड़: कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम को लेकर लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक-1 होने से जनजीवन और अर्थव्यवस्था धीरे धीरे पटरी पर आने लगी है, लेकिन रेलयात्रा कराने के लिए लॉकडाउन से पहले चलने वाली ट्रेनें पाकुड़ की पटरी पर नहीं लौटी है.

पाकुड़ में नहीं रुकेगी स्पेशल ट्रेन

केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों एवं विद्यार्थियों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाईं. 200 विशेष ट्रेनों का परिचालन शुरू करने का ऐलान भी किया, लेकिन जो सूची जारी की गयी है उसमें ऐसी एक भी ट्रेन नहीं है, जो पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर ठहरेगी.

रेल मंत्रालय एवं भारत सरकार की इस उपेक्षा नीति का ही नतीजा है कि पाकुड़ जिले के यात्री अपने रेलवे स्टेशन से न तो दूसरे स्थानों पर रेलमार्ग के जरिए जा पाएंगे और न ही दूसरे स्थानों से ट्रेन यात्रा कर सीधा पाकुड़ स्टेशन आ पाएंगे.

पाकुड़ अनुसूचित जनजाति बहुल जिला है. यहां अधिकांश लोग मजदूर तबके के हैं. इनके पास इतने पैसे नहीं है कि दूसरे जिला मुख्यालय से रेलवे स्टेशनों का सहारा लेकर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के लिए रेलयात्रा कर सकें. लोगों में अनलॉक वन लागू होने के बाद विशेष ट्रेनों का परिचालन शुरू कराए जाने की सूचना से खुशी थी कि महीनों बाद वे ट्रेन की यात्रा कर पाएंगे.

लेकिन, इसका सपना शायद ही हाल के दिनों में पूरा होगा. जिले के अधिकांश लोग चाहे वे कारोबारी हों, व्यापारी हो या स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी रेल परिचालन खासकर पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा को लेकर चालू नहीं होने के कारण कोस रहे हैं.

लोगों का कहना है कि सांसद और विधायक यदि सक्रियता दिखाते तो कम से कम पहले जो ट्रेन पाकुड़ स्टेशन के रास्ते चलती थी और यहां रुकती थी, का परिचालन निश्चित रूप से चालू होता.

वहीं सांसद विजय हांसदा ने बताया कि झारखंड के प्रति सेंट्रल का शुरू से सौतेला व्यवहार रहा है. उन्होंने कहा कि बाहर फंसे लोगों को झारखंड वापस लाने के मामले में भी केंद्र की नीति अच्छी नहीं रही.

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सांसद हांसदा ने कहा कि राजनीति से उठकर झारखंड सरकार ने सुझाव और मदद की बावजूद आज भी सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. सांसद ने कहा कि इस मामले को लेकर रेलमंत्री का ध्यान निश्चित रूप से आकृष्ट कराया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि पाकुड़ जिले से सटे पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट से कोलकाता एवं अन्य स्थानों के लिए रेल परिचालन शुरू की गई. पश्चिम बंगाल के अधिकांश यात्रियों ने रेल सुविधा का लाभ उठाना शुरू कर दिया है. ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या सही मायने में केंद्र सरकार का रेल मंत्रालय झारखंड के प्रति सौतेला नीति तो नहीं अपना रहा.

Last Updated : Jun 3, 2020, 2:19 PM IST

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