पाकुड़: कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम को लेकर लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक-1 होने से जनजीवन और अर्थव्यवस्था धीरे धीरे पटरी पर आने लगी है, लेकिन रेलयात्रा कराने के लिए लॉकडाउन से पहले चलने वाली ट्रेनें पाकुड़ की पटरी पर नहीं लौटी है.
केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों एवं विद्यार्थियों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाईं. 200 विशेष ट्रेनों का परिचालन शुरू करने का ऐलान भी किया, लेकिन जो सूची जारी की गयी है उसमें ऐसी एक भी ट्रेन नहीं है, जो पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर ठहरेगी.
रेल मंत्रालय एवं भारत सरकार की इस उपेक्षा नीति का ही नतीजा है कि पाकुड़ जिले के यात्री अपने रेलवे स्टेशन से न तो दूसरे स्थानों पर रेलमार्ग के जरिए जा पाएंगे और न ही दूसरे स्थानों से ट्रेन यात्रा कर सीधा पाकुड़ स्टेशन आ पाएंगे.
पाकुड़ अनुसूचित जनजाति बहुल जिला है. यहां अधिकांश लोग मजदूर तबके के हैं. इनके पास इतने पैसे नहीं है कि दूसरे जिला मुख्यालय से रेलवे स्टेशनों का सहारा लेकर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के लिए रेलयात्रा कर सकें. लोगों में अनलॉक वन लागू होने के बाद विशेष ट्रेनों का परिचालन शुरू कराए जाने की सूचना से खुशी थी कि महीनों बाद वे ट्रेन की यात्रा कर पाएंगे.
लेकिन, इसका सपना शायद ही हाल के दिनों में पूरा होगा. जिले के अधिकांश लोग चाहे वे कारोबारी हों, व्यापारी हो या स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी रेल परिचालन खासकर पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा को लेकर चालू नहीं होने के कारण कोस रहे हैं.