पाकुड़: शुक्रवार को गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने एक प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि संथाल परगना के आदिवासियों की संस्कृति खतरे में है. यदि राज्य और केंद्र सरकार इस पर ध्यान नहीं देगी तो आने वाले दिनों में संथाल परगना बांग्लादेश बन जाएगा. इसके साथ ही कहा कि संथाल परगना में कोरोना मरीजों का इलाज सही से नहीं किया जा रहा है.
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आदिवासी महिलाओं का धर्म परिवर्तन
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि बांग्लादेशी इन दिनों संथाल परगना की आदिवासी महिलाओं के साथ शादी कर उनका धर्म परिवर्तन करने में जुटा हुआ है. जिसके चलते आदिवासियों की संख्या 27 प्रतिशत से हटकर 26 प्रतिशत हो गई है. सांसद ने कहा कि वर्तमान में झारखंड में इसी संस्कृति की सरकार है. इसे विशेष ध्यान देना चाहिए. सांसद ने कहा कि इस मुद्दे को कई बार उठाया गया है और इस बार सदन में उठाया जाएगा.
कोरोना मरीजों का इलाज सही ढंग से नहीं
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर गोड्डा सांसद ने कहा कि संथाल परगना में कोरोना मरीजों का इलाज सही ढंग से नहीं हो रहा है. उन्हें समय पर न तो ऑक्सीजन और न ही दवा मुहैया कराई जा रही है. सांसद ने कहा कि संथाल परगना के गोड्डा, दुमका, पाकुड़, देवघर जिले में करोड़ों रुपये डीएमएफटी फंड में है और इसे खर्च करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीते वर्ष पीएम केयर फंड झारखंड को मुहैया कराया गया था. लेकिन इस पर भी राज्य सरकार ने उपयोग नहीं किया.
सांसद ने कहा कि कोरोना के समय में हम राजनीति नहीं कर रहे हैं. सासंद ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता हुई है और झारखंड को हर सुविधा देने के लिए तैयार है, लेकिन राज्य सरकार राज्य के 12 सांसदों को विश्वास में ले. सभी सुविधाएं केंद्र से मुहैया कराई जाएगी.