पाकुड़: जिला के पाकुड़िया प्रखंड के चितांगटोला गांव में विषाक्त भोजन खाने से तीन बच्चों की हुई मौत के दूसरे दिन चितांगटोला गांव में मातम पसरा हुआ है. गांव के हर घरो से लोगों के रोने और सिसकने की आवाजें निकल रही है. आखिर ऐसा हो भी क्यों नही क्योंकि एक ही रात में गांव के तीन हसते खेलते बच्चों की जिंदगी जो खत्म हो गयी.
विषाक्त भोजन खाने से मौत
चितांगटोला के बच्चे हो, बूढ़े और जवान सभी के गमगीन चेहरे यह बताने के लिए काफी है कि उन्होंने अपनो को खो दिया है. सुबह होते ही ग्रामीण अपने काम काज में लग जाया करते थे, आज वो मायूस हैं. अधिकांश ग्रामीणों के घरों में चूल्हे नहीं जले क्योंकि एक ही रात में 7 वर्षीय उज्जवल हेंब्रम, 11 वर्षीय अजीत हेंब्रम और 15 वर्षीय संजय हेंब्रम की विषाक्त भोजन खाने से मौत हो गई थी.
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दो दिन पहले जिला के पाकुड़िया प्रखंड के रामघाटी चितांगटोला के ग्रामीण खुशहाल थे और त्योहार के रंग में डुबे हुए थे. एकाएक सोमवार की रात को गांव के लोगों को यह जानकारी मिली कि बब्लू हेंब्रम और उसकी पत्नी सुहागिनी सोरेन सहित उनके तीन बच्चे संजय, अजीत और उज्जवल हेंब्रम की विषाक्त भोजन खाने से तबियत बिगड़ गयी है. दर्जनों की संख्या में ग्रामीण भागे दौड़े बब्लू हेंब्रम के घर पहुंचे और वहां का जब दृश्य देखा, तो उनके होश उड़ गये. घर में ही संजय, अजीत और उज्जवल का शव पड़ा हुआ था और इन तीनों लड़कों के मां-पिता जिंदगी और मौत से जुझ रहे थे.
अस्पताल में कराया भर्ती
मामले की सूचना मिलने पर चिकित्सकों के साथ थानेदार और अधिकारी भी पहुंचे. आननफानन में बब्लू और उसकी पत्नी सुहागिनी को बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. पति पत्नी की जिंदगी तो भगवान ने बचा ली लेकिन बच्चे नहीं बच पाए. घटना को दो दिन बीत चुके हैं और ग्रामीण इनके बिछड़ने का गम नहीं भुला पा रहे हैं.