लोगों को संबोधित करते ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम पाकुड़: सदर प्रखंड के 40 गांवों के लगभग पांच हजार किसान जूट खेती करते हैं. उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने एवं आमदनी दोगुनी करने की दिशा में शासन एवं प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है. सदर प्रखंड के किसानों द्वारा उपजाई की गई जूट को बाजार दिलाने के लिए राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने चांचकी गांव में स्थल का निरीक्षण किया.
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निरीक्षण के दौरान ये थे मौजूद:निरीक्षण के दौरान डीडीसी शाहिद अख्तर, जूट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया बहरमपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक राजेंद्र कुमार, सदर बीडीओ सफीक आलम, कृषि एवं उद्योग विभाग के पदाधिकारी एवं किसान मौजूद रहे. ग्रामीण विकास मंत्री ने किसानों से सीधा संवाद किया. जूट की खेती एवं इससे जुड़े किसान सहित गांवों के लोगों की आत्मनिर्भरता को लेकर कार्यों की जानकारी दी. मंत्री आलमगीर ने जूट की खेती से जुड़े किसानों से पंजीयन कराने की अपील की. मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि ग्रामीण एवं सखी मंडलों को जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना है. कहा कि इस दिशा में हर संभव प्रयास सरकार कर रही है.
जूट महोत्सव के आयोजन का मिला लाभ:गौरतलब है कि ग्रामीण विकास मंत्री की पहल पर जूट महोत्सव का आयोजन किया गया था. जिसमें कई राज्यों के प्रतिनिधि एवं संस्थानों ने अपने प्रोडक्ट की प्रदर्शनी लगाई थी. इतना ही नहीं किसानों को उन्नत जूट की खेती के लिए झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी ने प्रशिक्षण दिया एवं उन्हें जूट के बीज भी मुहैया कराए थे. जिसका परिणाम निकला की इस बार जूट की पैदावार भी काफी अच्छी हुई. जुट की खेती से जुड़े किसान इससे काफी खुश नजर आ रहे हैं.
जलजमाव के कारण नहीं कर पाते उपज:सदर प्रखंड के दर्जनों गांव में जलजमाव के कारण किसान वर्षा के मौसम में कोई फसल नहीं उपजा पाते हैं और मजबूरन इन्हें जुट की खेती करनी पड़ती है. पाकुड़ जिला ही नहीं आसपास में कोई जूट क्रय केंद्र नहीं हैं. इस कारण हजारों किसान अपने उत्पादित जुट को औने-पौने दाम में पश्चिम बंगाल के कारोबारियों के पास बेचने को मजबूर हैं. पाकुड़ में जूट क्रय केंद्र खुल जाने से इन किसानों को उचित दाम मिलेगा और ठीक से खेती कर पाएंगे.