पाकुड़: दिवाली की रात मां काली की पूजा भी की जाती है. इस वर्ष मां काली को 14 नवंबर को ही पूजा जाएगा. ऐसे में मां के मंदिर में इस दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. पाकुड़ जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में शनिवार को काली पूजा, दीपावली और गणेश-लक्ष्मी पूजा धूमधाम से मनाई जाएगी. राजापाड़ा स्थित नित्यकाली मंदिर में काली पूजा को लेकर हर साल भारी भीड़ उमड़ती है. न केवल पाकुड़ बल्कि बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के काली भक्तों की आस्था का केंद्र बिंदु वर्षों से बना हुआ है.
जिला मुख्यालय के राजापाड़ा स्थित नित्यकाली मंदिर में साधक न केवल साधना करने पहुंचते बल्कि, पूरे जिले और आसपास के श्रद्धालु प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को अपने परिवार के साथ पूजा-अर्चना और आरती में भाग लेने आते हैं. इस आशा और विश्वास से की मां नित्यकाली उनके कष्टों को हरेगी और सुख समृद्धि प्रदान करेगी.
पूरे संथाल परगना प्रमंडल में वैसे तो कई मां भगवती स्थल हैं, जहां लोग मन्नत पूरी होने पर मंदिरों में माथा टेकने पहुंचते हैं, लेकिन पाकुड़ जिला मुख्यालय का नित्यकाली मंदिर भी वर्षो से श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बना हुआ है. यहां राजा-महाराजा के काल में खासकर काली पूजा के मौके पर हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती थी, जिसमें आदिम जनजाति पहाड़िया और आदिवासी भी पहाड़ों और जंगलों से निकलकर मां की पूजा अर्चना, प्रतिमा दर्शन और महाप्रसाद ग्रहण करने पहुंचते थे.
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