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पहाड़िया राजाओं की धरोहर कंचनगढ़ गुफा को मिलेगी पहचान, गुफा में खजाना दबे होने की है मान्यता

अरसे से देश के लिए गुमनाम से कंचनगढ़ गुफा अब अपने वैभव की रोशनी बिखेरेगी. पहाड़िया राजाओं की धरोहर जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के आदिम जनजाति बहुल पंचायत करमाटांड़ के सूरजबेड़ा पहाड़ पर स्थित कंचनगढ़ गुफा तक सीढ़ी और गार्डवाल बनाए जाएंगे.

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Published : Feb 24, 2021, 8:35 PM IST

Updated : Feb 24, 2021, 10:46 PM IST

Kanchangarh cave
पहाड़िया राजाओं की धरोहर कंचनगढ़ गुफा

पाकुड़ : अरसे से देश के लिए गुमनाम से कंचनगढ़ गुफा अब अपने वैभव की रोशनी बिखेरेगी. पहाड़िया राजाओं की धरोहर जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के आदिम जनजाति बहुल पंचायत करमाटांड़ के सूरजबेड़ा पहाड़ पर स्थित कंचनगढ़ गुफा तक सीढ़ी और गार्डवाल बनाए जाएंगे. पहले चरण में इस धरोहर के सौंदर्यीकरण के लिए पर्यटन विभाग की ओर से 49 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. कंचनगढ़ गुफा के सौंदर्यीकरण कार्य का शिलान्यास बुधवार को लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक दिनेश विलियम मरांडी एवं जिले के डीसी कुलदीप चौधरी ने संयुक्त रूप से किया.

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जिला प्रशासन इस ऐतिहासिक कंचनगढ़ गुफा में स्थित शिव पार्वती की पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं को सुविधा मुहैया कराने की तैयारी कर रहा है. इस ऐतिहासिक गुफा को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की मांग झारखंड राज्य अलग बनने से पहले पहाड़िया आदिवासियों की ओर से की जा रही थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कंचनगढ़ गुफा को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी. इसके लिए राशि भी मुहैया कराई थी.

पहाड़िया राजा सूर्या पहाड़िया ने कराया था निर्माण

स्थानीय लोगों का कहना है कि पाकुड़ जिले से 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित इस कंचनगढ़ गुफा का निर्माण पहाड़िया राजा सूर्या पहाड़िया ने वर्षों पहले कराया था. पहाड़िया राजा सूर्या पहाड़िया और रानी फुदकी पहाड़िन का किला अब गुफा के रूप में ही रह गया है. यहीं पर पहाड़िया राजा ने शिवलिंग का निर्माण कराया था. जिसके दर्शन के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु और आदिवासी आते हैं. शिवरात्रि पर आदिवासी यहां मेला भी लगाते हैं.

यह है मान्यता

दो किलोमीटर लंबी गुफा में 60-70 फिट भीतर यहां शिवलिंग है. जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु घुटनों के बल चलते हैं. वैसे तो गुफा से दर्जनों पहाड़ी गुफाएं जुड़ी हैं, जिन्हें शिवालय का द्वार करते हैं. लेकिन भक्त मुख्य गुफा से ही आना-जाना करते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि दूसरे रास्तों से आने-जाने वालों की जल्द ही मृत्यु हो जाती ही. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि गुफा में खजाने दबे हैं और आपस में जुड़ी गुफाओं से नेपाल तक जाया जा सकता है.

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दिक्कतों का करना पड़ता है सामना

पहाड़िया राजा के किले यानी कंचनगढ़ के किले को देखने के लिए लोगों होने वाली परेशानी को देखते हुए अब प्रशासन ने पहल की है. गुफा तक जाने के लिए सीढ़ी और गार्डवाल का निर्माण कराया जाएगा. इसका विधायक ने आज शिलान्यास किया. प्रशासन का कहना है कि इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा. इससे आसपास के लोगों को रोजगार मिलेगा. शिलान्यास के मौके पर विधायक दिनेश विलियम मरांडी ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार काम कर रही है.

कंचनगढ़ गुफा के पास विकास कार्यों का शिलान्यास

धरोहरों को किया जाएगा विकसित

वहीं डीसी कुलदीप चौधरी ने कहा कि जिले के ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक धरोहरों को विकसित करने का काम किया जा रहा है. डीसी ने कहा कि जिला पर्यटन समिति का गठन कर ऐसे धरोहरों को चिन्हित कर उन्हें विकसित करने का काम शुरू किया गया है. अपने पहाड़िया राजा के किला और गुफा को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के सरकार के प्रयास से पहाड़िया ग्रामीणों में खुशी देखी जा रही है.

Last Updated : Feb 24, 2021, 10:46 PM IST

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