पाकुड़: जिला के कुमार कालीदास मेमोरियल कॉलेज परिसर में सोहराय पर्व का आयोजन किया गया (Sohrai Parv at KKM College Pakur). इस कार्यक्रम में झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने भी शिरकत की. विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कार्यक्रम का उद्घाटन दीप जलाकर किया. उद्घाटन के मौके पर केकेएम कॉलेज के प्रचार्य शिव प्रसाद लोहरा, महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉ सुशीला हांसदा के अलावा कई गणमान्य लोग मौजूद थे.
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सोहराय पर्व के मौके पर विधायक लोबिन ने सोहराय गीत गाया एवं मांदर की थाप पर घंटो झूमे भी. मौके पर विधायक ने छात्र छात्राओं को संबोधित किया और गाना सुनाकर वहां उपस्थित सभी लोगों मन मोह लिया. कार्यक्रम के बाद लोबिन हेंब्रम ने कहा कि झारखंड सरकार की नीतियां लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर रही है (JMM MLA Lobin Hembram attacked Hemant Sarkar). चुनावी घोषणा पत्र में नौकरी का वादा किया गया, लेकिन वास्तव में उसके ठीक उल्टा हो रहा है. राज्य से हो रहे पलायन के लिए सरकार जिम्मेवार है. पारसनाथ पहाड़ शुरू से आदिवासियों का है. जैन मुनि का पारसनाथ पहाड़ पर दावा गलत है. विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि हेमंत सरकार का यही रवैया रहा तो आने वाले दिनों में आदिवासियों को अपने घर से बेदखल भी होना पड़ेगा.
केकेएम कॉलेज परिसर में सोहराय पर्व का आयोजन विधायक ने कहा कि 10 जनवरी को पारसनाथ में बैठक होगी, जिसमें दूसरे राज्यों के भी आदिवासी नेता भाग लेंगे. विधायक ने कहा कि पहले हमारी जमीन पर जैनियों ने मंदिर बनाया और आज आदिवासियों को लकड़ी काटने से मना कर रहे. ऐसा इसलिये हो रहा क्योंकि सरकार ने घुटने टेक दिये हैं. विधायक ने कहा कि सरकार ने चुनाव के पूर्व अपने घोषणा में कहा था कि सरकार बनने के 6 माह के अंदर पांच लाख बेरोजगारों को नौकरी दी जाएगी, लेकिन कुछ नहीं मिला.
विधायक ने कहा कि आज झारखंड में जल, जंगल, जमीन के साथ आदिवासी समाज भी विलुप्त हो रहे हैं. इसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है. विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि बाहरी लोग झारखंड में आकर एसपीटी सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर सादे कागज में जमीन की खरीद रहे हैं और यहां के सीओ से लेकर कमिश्नर तक शांत बैठे हैं. विधायक ने कहा कि हम झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक हैं और न तो पार्टी और न ही सरकार का विरोध किया है, लेकिन जब सरकार को आइना दिखा रहे हैं तो हमें बागी समझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें विवश न करें, नहीं तो आने वाले समय में इसका परिणाम भी भुगतने को तैयार रहें. पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि जैसे भाई-भाई में संबंध बिगड़ने पर चूल्हा अलग होता है, ठीक उसी तरह होगा.