पाकुड़: परिवार का लालन पालन एवं घरों में चैका वर्तन करने वाली गांव की महिलाओं के स्वावलंबन का जरीया क्रोइलर चिकन होगा. अपने ही घरों में उत्पादक समुह से जुड़ी सखी दीदियां क्रोइलर चिकन का पालन करेंगी और उसका कारोबार भी.
जोहार परियोजना
प्रशासन ने जोहार परियोजना के तहत जिले के महेशपुर प्रखंड की उत्पादक समुह से जुड़ी सैकड़ों दीदियों को चुजा के साथ-साथ ड्रींकर एवं फिडर मुफ्त में मुहैया कराने के साथ ही चुजा पालने के लिए 2,400 रुपये, कार्यशील पुंजी 1,600 रुपये एवं मुर्गी शेड बनाने के लिए 3,500 रुपये राशि भी उपलब्ध कराई गई है.
सखी दीदियां करेंगी कमाई
झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी जोहार परियोजना के तहत सखी दीदियों से क्रोइलर चिकन का पालन कराएंगी. चूजे बड़े होकर जब मुर्गी का रूप लेंगे तो प्रति मुर्गी 100 से 150 रुपये की सखी दीदियां कमाई करेंगी. सरकार की इस महत्वपूर्ण परियोजना से गांव की महिलाए प्रतिमाह 5 से 6 हजार रुपये की कमाई कर लेंगी.
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तीन हजार चूजे का वितरण
जोहार परियोजना अन्तर्गत बैकयार्ड पोल्ट्री योजना के तहत तीन हजार चूजा का वितरण महेशपुर के अंचलाधिकारी रितेश कुमार जयसवाल, झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रवीण मिश्रा की तरफ से किया गया.
क्रेाइलर चिकन का चुजा कराया गया मुहैया
जेएसएलपीएस के डीपीएम श्री मिश्रा ने बताया कि धोवाबथान, शहरग्राम, पथरिया आदि कई गांवो की उत्पादक समुह से जुड़ी महिलाओं को जोहार परियोजना के तहत क्रेाइलर चिकन का चूजा मुहैया कराया गया है. उन्होने बताया कि इस योजना में ढाई करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य जिले में तय किया गया. वहीं अंचलाधिकारी रितेश कुमार जयसवाल ने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने के लिए ग्रामीण महिलाओं के बीच चूजा का वितरण किया जा रहा है.