पाकुड़: कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. शुक्रवार को रांची बस से पाकुड़ पहुंचे सैकड़ों लोगों का बस स्टैंड में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच किया और उन्हें बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर काउंसलिंग की.
रांची से आए लोग साहिबगंज जिले के इस्लामपुर और पश्चिम बंगाल के फरक्का, धूलियान के रहने वाले हैं. सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान ने बताया कि सभी लोगों को 14 दिनों तक कोरोनटाइन सेंटर में रखा जाएगा. जानकारी के मुताबिक, साहिबगंज और पश्चिम बंगाल के सैकड़ों मजदूर और कॉलेज के छात्र लॉकडाउन के बाद से रांची में फंसे हुए थे. वाहनों और ट्रेनों का परिचालन बंद होने के बाद उन्हें अपने घर लौटने में परेशानी हो रही थी.
इन लोगों ने राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से बातचीत की. मंत्री आलमगीर आलम ने इन्हें बस से पाकुड़ भेजवाने का इंतजाम करते हुए पाकुड़ प्रशासन को जानकारी दी. शुक्रवार को जैसे ही बस इन लोगों को लेकर पाकुड़ पहुंचा पहले से तैनात डाक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने इनके स्वास्थ की जांच की और फिर इन्हें होम कोरोनटाइन में भेज दिया.
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पाकुड़ के चिकित्सा प्रभारी डॉ. समरुल हक ने बताया कि रांची से आए लोगों की जांच थर्मल स्क्रिनिंग के जरिए की गयी और दो लोगों पर संदेह होने पर जिला मुख्यालय में बनाए गए कोरोनटाइन सेंटर भेजा गया. उन्होंने बताया कि इन दोनों की स्थिति देख रहे हैं और जरूरत पड़ी तो ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि अन्य 351 लोगों के हाथ में टैग लगाकर उन्हें अपने घर में ही 14 दिनों तक रहने की सलाह देकर भेज दिया गया है.