पाकुड़: जिले के किसान मत्स्य पालन कर अपनी आय दोगुनी कर पाएंगें. जिले के मत्स्य पालकों को कम लागत में मछली पालन कर आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए मत्स्य विभाग प्रशिक्षण देने का काम कर रहा है.
ये भी पढ़ें-आम बजट 2021ः हजारीबाग के अर्थशास्त्रियों को बजट से है काफी उम्मीदें, गिनाईं प्राथमिकताएं
मत्स्य पालकों को दी गई जानकारियां
सूचना भवन में आइटीसी मिशन सुनहरा कल के तत्वाधान में मत्स्य पालन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. आयोजित प्रशिक्षण में मत्स्य पालकों को कतला, रेहु, सिल्वर, गोल्डन सहित अन्य प्रकार के मछलियों का पालन करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण में मत्स्य प्रसार पदाधिकारी सुशील हांसदा मत्स्य बीज उत्पादन, समेकित मत्स्य पालन के बारे में विस्तार से बताया. किसानों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मिलने वाली सरकारी सहायता की भी जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण के दौरान मछली पालन के तरीकों के अलावे मिट्टी और जल की जांच, तालाब की गहराई आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. उन्होंने कतला, रेहु, सिल्वर, गोल्डन आदि मछली का पालन कर आर्थिक रूप से मजबूत होने की अपील किसानो से की. प्रशिक्षण में मौजूद मत्स्य पालकों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी विस्तार से बताया गया.
मत्स्य प्रसार पदाधिकारी सुशील हांसदा ने बताया कि बीज उत्पादन के बेहतर तरीकों की जानकारी किसानों को दी गयी है ताकि मछली का बेहतर उत्पादन हो सके और इनकी आय दोगुनी हो.