पाकुड़: जिले में मनरेगा मजदूरों का बकाया भुगतान न करने का मामला सामने आया है. सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ग्रामीण भागों में मजदूरों को 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा योजना देश भर में संचालित है. जिले में इस योजना में खून पसीना बहाने वाले मजदूरों का हक मारने पर सदर प्रखंड के तत्कालीन कनीय अभियंता राजकुमार मंडल, पंचायत सचिव कमल पहाड़िया, जनसेवक जीसु हांसदा एवं अभिकर्ता मो. शब्बीर को महंगा पड़ा.
उच्च न्यायालय झारखंड के दिये गये फैसले के आलोक में डीसी के निर्देश पर सदर बीडीओ ने चारों मनरेगा से जुड़े कर्मियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है. प्राथमिकी में इन चारों मनरेगा कर्मियों पर मजदूरो को भुगतान न करने, अभिलेखों का विधिवत संधारण करने, बिना हस्ताक्षर युक्त मापी पुस्तिका में कनीय अभियंता द्वारा विपत्र नियमाकुल नहीं बनाने के आरोप लगाये गये है.
मुफसिल थाने में सदर बीडीओ संतोष कुमार प्रजापति की लिखित शिकायत पर कनीय अभियंता राजकुमार मंडल, पंचायत सचिव कलम पहाड़िया, जनसेवक जीसु हांसदा एवं रोजगार सेवक सह योजना के अभिकर्ता मो. सब्बीर को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
जिन योजनाओ में काम करने वाले मजदूरो को मजदूरी भुगतान नहीं किये जाने के आरोप लगाये गये है,. वह वित्तीय वर्ष 2010-2011 की सदर प्रखंड के पूर्वी पंचायत से संबंधित तालाब निर्माण से जुड़ी योजना संख्या 18, 53, 54, 57, 60, 61, 105 एवं 110 शामिल है.