पाकुड़: कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जारी लाॅकडाउन और अनुबंध पर बहाल मनरेगा कर्मियों की हड़ताल का फायदा ग्रामीण इलाकों में योजना के क्रियान्वयन में शामिल सरकार और अनुबंध पर बहाल कर्मियों की ओर से जमकर उठाया जा रहा है. मजदूरों की हकमारी और खुद के फायदों को लेकर योजना का क्रियान्वयन पंजीकृत मजदूरों से न कराकर मशीन से कराए जाने के मामले में प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है.
चेंजिंग रूम सहित शौचालय निर्माण से जुड़ा मामला
मजदूरों के बदले मशीन से वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना से फुटबॉल मैदान समतलीकरण, चेंजिंग रूम सहित शौचालय निर्माण कार्य में जेसीबी का इस्तेमाल किये जाने को लेकर लिट्टीपाड़ा थाने में योजना से जुड़े कनीय अभियंता प्रदीप टुडू, बांडु पंचायत के मुखिया सोनाल्ड मुर्मू, पंचायत सचिव मधुसूधन मंडल के अलावा अरूण साहा और असीत मंडल के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है. बीडीओ लिट्टीपाड़ा पंकज कुमार रवि के लिखित शिकायत पर थाना कांड संख्या 37/20 भादवी की धारा 406, 409, 420, 188/34 के तहत कनीय अभियंता प्रदीप टुडू, मुखिया सोनाल्ड मुर्मू, पंचायत सचिव मधुसूधन मंडल के अलावा अरूण साहा, असीत मंडल को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. जिस मनरेगा योजना में जालसाजी, धोखाधड़ी को लेकर थाने में एफआइआर दर्ज की गयी है. वह प्रखंड के बांडु पंचायत अंतर्गत बादलपुर गांव में 3 लाख 92 हजार 400 रूपए से फुटबॉल मैदान समतलीकरण और खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम सहित शौचालय निर्माण से जुड़ा हुआ है.
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जानकारी के मुताबिक, मनरेगा की 2 लाख 39 हजार 880 रूपये और 14वें और 15वें वित्त आयोग की 1 लाख 52 हजार 521 रूपए से योजना को पूरा किया जाना था. योजना का मुख्य उद्देश्य पंजीकृत मनरेगा मजदूरों को रोजगार मुहैया कराना था, लेकिन कनीय अभियंता, मुखिया, पंचायत सचिव और कथित बिचैलियों ने मिलकर मजदूरों से काम कराने के बजाय जेसीबी से समतलीकरण का काम कराया और मजदूरो के नाम मजदूरी राशि की निकासी कर ली गई.