पाकुड़: जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड के एक गांव में ऊपर वाले ने एक नवजात के साथ बड़ी नाइंसाफी की. पहले तो जन्म देते ही उसकी मां ये दुनिया छोड़कर चली गई. अब आर्थिक तंगी की वजह से उसके सिर पर से बाप का साया भी छिन गया. उसकी हालत अनाथों जैसी हो गई है.
चाइल्ड लाइन सेंटर में बच्चे की देखभाल
नवजात की देखभाल जिला मुख्यालय के जनलोक कल्याण परिषद द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन सेंटर में चल रहा है. बाल कल्याण समिति नवजात को देवघर जिले के विशेष दत्तक ग्रहण संस्था (साह) में भेजने की आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर रही है. उसे 20 जुलाई को देवघर भेज दिया जायेगा.
ये भी पढ़ें-हिरासत में प्रियंका : कहा- 'पीड़ित परिजनों से मिले बिना वापस नहीं लौटूंगी'
दोनों की मुलाकात एक हाट में हुई
जानकारी के अनुसार एक साल पहले अमड़ापाड़ा प्रखंड के पाडेरकोला के 15 वर्षीय आदिवासी लड़के की मुलाकात साप्ताहिक हाट में 14 साल की आदिवासी लड़की से हुई. दोनों का प्रेम परवान चढ़ा और उन्होंने साथ रहने की कसमें खाईं. दोनों एक साथ रहने भी लगे और 15 दिन पहले एक बच्चे ने जन्म लिया.
जन्म के बाद बच्चे की मां की मौत
बच्चे को जन्म देने के बाद युवती की तबीयत खराब हो गई. जिसके कारण उसकी मौत हो गई. बच्चे की मां के निधन के बाद कुछ दिनों तक उसके पिता ने बच्चे की देखभाल की, लेकिन अर्थाभाव के कारण वो बच्चे को चाइल्ड लाइन सेंटर ले आया. वहां उसने यह कहा कि वो नवजात की परवरिश सही तरीके से नहीं कर पायेगा, इसलिए उसने बच्चे को सेंटर में ही जमा कर दिया.
नवजात की स्वास्थ्य जांच
बाल कल्याण समिति के सदस्य विनोद कुमार प्रमाणिक ने बताया कि नवजात को चाइल्ड लाइन सेंटर उसके पिता ने पहुंचाया है. उसकी स्वास्थ्य जांच करायी गयी है. सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चे को देवघर विशेष दत्तक ग्रहण संस्था को पहुंचाया जायेगा.