पाकुड़: धर्मांतरण के खिलाफ जिला मुख्यालय में जनजाति समाज के हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. राजकिशोर हांसदा के नेतृत्व में लोगों ने इस पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने की मांग की (Demonstration Of All India Tribal Security Forum).
धर्मांतरण के खिलाफ सड़क पर उतरा जनजाति सुरक्षा मंच, धर्मांतरित शख्स से एसटी का दर्जा वापस लेने की मांग
पाकुड़ जिला मुख्यालय पर बुधवार को अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच (Demonstration Of All India Tribal Security Forum) के बैनर तले जनजाति समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान धर्म बदलने वाले शख्स से एसटी का दर्जा वापस लेने की मांग की गई.
ये भी मांगः सिदो कान्हू मुर्मू पार्क से निकाली गई रैली में जिले के गुरुबाबा, मांझी बाबा, पुरखा बाबा आदि ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. रैली में शामिल जनजाति सुरक्षा मंच के समर्थक और कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरित जनजाति सदस्यों को आरक्षण से वंचित करने, विवाहोपरांत महिला के पति के धार्मिक आधार पर जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने, ईसाई धर्म अपनाने वाले जनजाति सदस्यों को जनजाति का जाति प्रमाण पत्र निर्गत न करने, सीएनटी एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर ईसाई मिशनरियों द्वारा बनवाए गए चर्च, विद्यालय, अस्पताल एवं अनाथालयों की जांच कर रैयतो को जमीन का मालिकाना हक दिलाने की मांग की.
रैली में बताए खतरेः रैली के बाद रानी ज्योतिर्मयी स्टेडियम में जनसभा की गई और साजिश के तहत जनजाति परिवार का ईसाई धर्म में परिवर्तन पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने की सरकार से मांग की गई. जनसभा में अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. राजकिशोर हांसदा ने कहा कि जनजाति समाज का धर्मांतरण कर हमारी पहचान को मिटाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी आदिवासी समाज की पहचान एवं अस्तित्व को मिटाने में ईसाई मिशनरी जुटी हुईं हैं, जिसके चलते जनजाति समाज के रीति रिवाज, पूजा परंपरा और संस्कृति पर खतरा मंडरा रहा है.
डॉ. राजकिशोर हांसदा ने कहा कि धर्मांतरित ईसाई अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र के आधार पर जनाजाति के लिए आरक्षित पदों पर नौकरियां प्राप्त कर रहे हैं और इन्हीं सभी के खिलाफ मंच पूरे देश में जनजाति समाज को एकजुट एवं जागरूक करने का काम कर रहा है. जनसभा को सुलेमान मुर्मू, दुर्गा मरांडी, बाबुधन मुर्मू आदि ने संबोधित किया.