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खाद्य तेल की दर में हुई अप्रत्याशित वृद्धि, भोजन का बिगड़ा स्वाद - पाकुड़ में खाद्य तेल की दर में हुई अप्रत्याशित वृद्धि

खाद्य तेल (Cooking Oil) की कीमत में अप्रत्याशित बढ़ोतरी से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरसों तेल और रिफाइंड तेल की आसमान छूती कीमतों ने व्यवसायियों की चिंता बढ़ा दी है. वर्तमान में सरसों और रिफाइन तेल में 40 से 80 रुपये तक प्रति लीटर बढ़ोतरी हुई है.

edible oil price increase in pakur
खाद्य तेल

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Published : Jun 6, 2021, 11:44 AM IST

Updated : Jun 6, 2021, 5:49 PM IST

पाकुड़: बीते एक साल के अंतराल में खाद्य तेल (Cooking Oil) की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. जिस कारण गृहिणियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. तेल की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि होने के कारण भोजन का भी स्वाद बिगड़ गया है. खाद्य तेल की कीमत में हुई बढ़ोतरी का सीधा असर मध्यम और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों पर पड़ा है.

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तेल में 40 से 80 रुपये तक प्रति लीटर बढ़ोतरी
पाकुड़ में सरसों तेल (Mustard oil) और रिफाइन तेल (Refined oil) का होलसेलिंग करने वाले व्यवसायियों का कहना है कि पाकुड़ जिले में सरसों और रिफाइंड तेल देश के गुजरात, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, वीरभूम, मालदा, बर्दवान जिले के अलावा झारखंड के रांची और धनबाद से आते हैं. व्यवसायियों के मुताबिक बीते 5 माह के अंतराल में सरसों और रिफाइन तेल में 40 से 80 रुपये तक प्रति लीटर बढ़ोतरी हुई है. व्यवसायियों के मुताबिक सरसों नहीं मिलने और ट्रांसपोर्टेशन के कारण तेल की कीमत में वृद्धि हुई है. जबकि छोटे दुकानदारों का कहना है कि एक लीटर की बोतले खरीद कर लाते हैं और उसे बेचकर मात्र प्रति लीटर 1 से 2 रुपये का फायदा होता है.

खाद्य तेल में बढ़ोतरी

बोतलों में कंपनी की ओर से नया स्टिकर
दुकानदारों ने बताया कि सरसों तेल की कीमत 120 रुपये थी, वह आज बढ़कर 180 से 190 रुपये हो गया है. दुकानदारों ने बताया कि तेल की बोतलों में कंपनी की ओर से नया स्टिकर लगाकर भेजा जा रहा है और उसमें सिर्फ दर को बढ़ा दिया है. जिसके कारण ग्राहकों को समझाने में काफी परेशानी हो रही है. जिले के कुछ कारोबारियों ने कहा कि देश के एक बड़े उद्योगपति जो सरसों तेल का कारोबार करते है, वे अधिकांश किसानों से मुंहमांगी कीमत पर सरसों खरीद रहे है. जिस कारण बाजार में सरसों का अभाव हो गया है. अन्य इलाकों से सरसों और रिफाइन तेल की सप्लाई बंद हो गई है. बड़े उद्योगपति तेल बेचकर मनमाना पैसा वसूल रहे हैं.

खाद्य तेल में बढ़ोतरी

भोजन का स्वाद बिगड़ा
महिलाओं का कहना है कि पहले प्रतिमाह भोजन बनाने में 5 से 8 लीटर तेल का उपयोग करते थे, लेकिन कीमत में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण सरसों तेल का उपयोग कम कर दिया गया है. जिससे भोजन का स्वाद बिगड़ गया है.

खाद्य तेल में बढ़ोतरी

बीते वर्ष और इस वर्ष तेल के दाम
बाजार से मिली जानकारी के मुताबिक बीते वर्ष सरसों तेल 'ओम' का दाम 120 रुपये प्रति लीटर था, जो इस वर्ष बढ़कर 170 से 175 रुपये हो गया है. जबकि 'धारा' 140 रुपये से बढ़कर 170 रुपये, 'बेस्ट चॉइस' 120 से बढ़कर 170 रुपये, 'जिराफ' 120 से बढ़कर 180 रुपये, 'रिफाइन बेस्ट चॉइस' 110 से बढ़कर 160 रुपये और 'फार्च्यून' 110 से बढ़कर 165 रुपये प्रतिलीटर के दर से बिक रहा है.


बाजार में सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी
तेल की बढ़ी कीमत को लेकर जिला खाद्य पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि बाजार में सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने बताया कि जिले के सभी होलसेल करने वाले व्यवसायियों से प्राइस लिस्ट मांगा जाएगा और यदि प्राइस लिस्ट में हेरफेर कर बिक्री करते पाए गए तो संबंधित व्यवसायी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Jun 6, 2021, 5:49 PM IST

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