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छठ गाइडलाइन को लेकर सियासत तेज, मंत्री से लेकर जेएमएम-कांग्रेस नेताओं ने सीएम को लिखी चिट्ठी - आलमगीर आलम ने सीएम को पत्र लिखा

झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी गाइड लाइन के बाद हिन्दू संगठनों के अलावे भारतीय जनता पार्टी की ओर से पूरे राज्य में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया. विरोध प्रदर्शन और लोगों की भावना को देखते हुए मंत्री आलमगीर आलम और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष कुमार गौरव ने सीएम को पत्र लिखा है. Body:

congress demands to change in Chhath Guideline
आलमगीर आलम और कुमार गौरव

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Published : Nov 17, 2020, 7:30 PM IST

रांची/पाकुड़: ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है जिसमें छठ पर जारी गाइडलाइन में संशोधन करने की अपील की है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि बिहार और झारखंड सहित पूरे देश में मनाये जाने वाले लोक आस्था के महापर्व छठ में छठव्रतियों को तालाबों और नदी के घाटों पर सूर्य को अर्घ देने के लिए कोविड 19 के दिशा निर्देशो में आवश्यक संशोधन किया जाय.

आलमगीर आलम का पत्र

मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में ग्रामीण विकास मंत्री ने पाकुड़ एवं साहेबगंज के कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओ एवं प्रभारी शशिभुषण राय द्वारा दिये गये आवेदनों का हवाला देते हुए आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि पूर्व की तरह आस्था के महापर्व छठ के मौके पर श्रद्धालु और छठव्रति नदियों एवं तालाबों के घाटों पर सूर्य को अर्घ दे सकें.

कुमार गौरव ने भी लिखा पत्र

इधर झारखंड प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष कुमार गौरव ने मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है और सरकार द्वारा जारी किए गए गाइड लाइन पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा है कि छठ पूजा हिंदुओं की आस्था का महापर्व है. यह पर्व झारखंड प्रदेश में विशेष महत्व रखता है. कोरोना काल में ही कई अन्य पर्व सरहुल, रामनवमी, ईद, विश्वकर्मा पूजा, दुर्गा पूजा, दिवाली, काली पूजा को झारखंड वासियों ने सरकार के हर निर्देश का पूर्णता पालन करते हुए मनाया है. ऐसे में जब सभी धार्मिक स्थल कोरोना गाइडलाइन के अनुसार खुले हुए हैं. ऐसे में छठ पूजा करने के लिए छठ व्रतियों को सार्वजनिक स्थलों में जाने पर रोक लगाना सही प्रतीत नहीं होता है.

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