झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

आखिर कब होगा पाकुड़ के बीड़ी अस्पताल का उद्धार, विभाग रो रहा स्टाफ की कमी का रोना

पाकुड़ के बीड़ी अस्पताल में सालों से ताला लटका हुआ है, जिससे मजदूरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हजारों मजदूरों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए इन अस्पतालों की शुरुआत की गई थी, लेकिन विभागीय उदासीनता और जनप्रतिनिधियों में इच्छाशक्ति की कमी के कारण ये अस्पताल बंद पड़ा हुआ है.

By

Published : Sep 6, 2020, 8:50 PM IST

bidi-hospital-of-pakur-is-in-bad-condition
बीड़ी अस्पताल बदहाल

पाकुड़: झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद से जिले का बीड़ी अस्पताल बदहाल हो गया है. विभागीय उदासीनता और जनप्रतिनिधियों में इच्छाशक्ति की कमी के कारण हजारों बीड़ी मजदूरों को स्वस्थ रखने के मकसद से बनाया गया बीड़ी अस्पताल बेकार पड़ा हुआ है.अस्पतालों परिसर जंगलों में तब्दील हो गया है.

देखें स्पेशल स्टोरी



पाकुड़ में 10 साल पहले लाखों रुपये की लागत से बनाया बीड़ी अस्पताल एक शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. अस्पताल में न तो डॉक्टर और न नर्स और न ही दवा. अस्पताल को फिर से बेहतर बनाने को लेकर जिला प्रशासन और श्रम विभाग पलड़ा झाड़ रहे हैं. अस्पताल बदहाल होने के कारण बीड़ी मजदूरों को प्राइवेट क्लीनिक और नर्सिंग होम का सहारा लेना पड़ रहा है. इन मजदूरों के हित के लिए न तो स्थानीय जनप्रतिनिधि और न ही जिला प्रशासन और सरकार कोई पहल कर रही है. जिले में पत्थर उद्योग के बाद बीड़ी उद्योग ही है जो हजारों मजदूरों को रोजगार दे रहा है. प्रतिदिन 35 से 40 हजार बीड़ी मजदूर अपने-अपने घरों में बीड़ी बना कर कारखानों में बेचते हैं और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं.

इसे भी पढे़ं:- कोविड-19 बढ़ते संक्रमण के बीच कम है झारखंड में मोर्टेलिटी रेट, राष्ट्रीय औसत से है लगभग आधी

जिले के सदर प्रखंड के ग्रामीण इलाकों के बीड़ी मजदूरों को इस अस्पताल से काफी फायदा पहुंचता था, लेकिन सरकार की उदासीनता और जिला प्रशासन के ओर से देखरेख नहीं करने के कारण अस्पताल में कभी चोरी की घटनाएं घटी, तो कभी आग लग गई. पाकुड़ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ समरूल हक ने बताया कि डॉक्टरों की कमी के कारण यह अस्पताल बंद है. उन्होंने बताया जब तक डॉक्टरों की कमी दूर नहीं होती तब तक अस्पताल चालू करना संभव नहीं है, सदर प्रखंड में 1 सीएचसी, 3 पीएचसी और 15 सब सेंटर हैं, जिसमें एक ही डॉक्टर हैं, जिसके चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं जब ईटीवी भारत की टीम ने श्रम अधीक्षक रंजीत कुमार से अस्पताल की दिशा और दशा में सुधार की गुंजाइश को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि विभाग को पत्राचार किया गया है, अस्पताल को चालू कराने के लिए प्रयास जारी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details