पाकुड़: आजादी के वर्षों बीत जाने के बाद जहां आज देश और डिजिटल युग में पहुंच गया है. सरकार अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का दावा करती है. वहीं पाकुड़ के तालपहाड़ी पंचायत अंतर्गत कदमटोला गांव (Kadamtola Village) के लोग आज भी सड़क पर कदम रखने को लालायित हैं. यह गांव पूरी तरह आदिवासी बहुल गांव है. इस गांव के लोगों को पंचायत मुख्यालय तक जाने के लिए पगडंडियों का सहारा लेना पड़ता है. ग्रामिणों बांस के बनाए पुल पर जान जोखिम में डालकर आना-जाना कर रहे हैं.
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लिट्टीपाड़ा प्रखंड के अंतर्गत आने वाले कदमटोला गांव के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, मरीजों को अस्पताल ले जाने या गांव के बच्चों का स्कूल जाने के लिए पगडंडियों का ही सहारा लेना पड़ता है. जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के पास सड़क निर्माण कराने के लिए गुहार लगाई. लेकिन अब तक किसी ने भी उनकी नहीं सुनी. गांव में सड़क का निर्माण नहीं होने से लोगों में काफी आक्रोश है. गांव के लोग और खासकर बच्चे आज भी आश में हैं कि किसी न किसी मसीहा की नजर गांव पर पड़ जाए. जो सड़क का निर्माण करवा दें.
कदमटोला गांव विकास से कोसों दूर