पाकुड़: स्वस्थ झारखंड और सुखी झारखंड के नारे को यदि तार-तार होते देखना है तो पाकुड़ सदर अस्पताल पहुंच जाइए. क्योंकि यहां गंभीर रोग से ग्रसित मरीज हो या दुर्घटना में घायल गंभीर मरीज ही नहीं बल्कि उनके परिजन भी जैसे ही सदर अस्पताल के चिकित्सक यह कहते हैं कि मरीज को तो रेफर करना होगा.
झारखंड राज्य का पाकुड़ जिला सबसे पिछड़े जिले की श्रेणी में आता है, आदिवासी बहुल इस जिले में रहने वाले अधिकांश लोग शैक्षणिक और आर्थिक दोनों स्तर से कमजोर है. तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के कार्यकाल में 100 बेड वाले सदर अस्पताल का उदघाटन हुआ था. उन्होंने अस्पताल का उदघाटन किया था, सदर अस्पताल के शुरू होने से जिले के लोगो में आस जगी थी कि उन्हें भी बेहतर स्वास्थ सुविधा का लाभ मिलेगा और स्वस्थ झारखंड सुखी झारखंड का सपना साकार होगा लेकिन लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.
सरकार की उदासीनता कहें या जिले में रहने वाले लोगों का दुर्भाग्य झारखंड राज्य की कमान संभालने का मौका भारतीय जनता पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस समेत सभी दलों के नेताओं ने भोगा पर पाकुड़ जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के मामले में कुछ खास नहीं कर पाये.